सन्त धरती पर रहकर लोगों की संभाल करते हैं, उपदेश देकर संभलने का मौका देते हैं…

सन्त धरती पर रहकर लोगों की संभाल करते हैं, उपदेश देकर संभलने का मौका देते हैं
आगे का समय बहुत खराब है, कलयुग और सतयुग की लड़ाई का समय आ रहा है।
बावल, रेवाड़ी। परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 24 सितंबर, 2023 को बावल, रेवाड़ी में सतसंग सुनाते हुए कहा कि इस समय पर लोग भगवान के, प्रकृति के खिलाफ काम करते चले जा रहे हैं, अब चाहे जाने में करते हों, चाहे अनजाने में; तो कुदरत सजा देगी कि नहीं ? अगर बिरादरी में, घर में कोई गलती करता है तो सजा देते हो। देश के नियम को यदि कोई तोड़ता है तो सजा मिलती है। जैसे यह सब नियम हैं ऐसे ही प्रकृति का भी नियम है। लेकिन वह मालिक मौका देता है। अभी तो यह समझ लो कि वह मौका दे रहा है लेकिन एक समय ऐसा आएगा कि चुटकी बजाने में करोड़ों का वारा-न्यारा हो जाएगा।
घिरी बदरिया पाप की बरस रही अंगार, सन्त ना होते जगत में तो जल मरता संसार
कहते हैं सन्त हमेशा रहे, इस चीज को कोई नकार नहीं सकता है। यही कारण है कि चाहे राम भगवान रहे हों, चाहे कृष्ण भगवान हों लेकिन उनको सन्त-महात्माओं का सहारा लेना पड़ा, उनको गुरु बनाना पड़ा। राम भगवान के विद्या गुरु विश्वामित्र जी और आध्यात्मिक गुरु वशिष्ठ जी थे और इन्हीं की दया ले कर के उन्होंने काम किया
“गुरु वशिष्ठ कुल पूज्य हमारे।
तिन्ह की कृपा दनुज रन मारे॥”
कृष्ण भगवान ने भी दो गुरु बनाया; दुनिया का ज्ञान लेने के लिए विद्या गुरु और आत्मिक बल के लिए आध्यात्मिक गुरु। तो समझो कि यह हमेशा रहते हैं। कभी-कभी एक जगह बैठ कर के संभाल करते रहते हैं और जब अत्याचार, पापाचार, दुराचार ज्यादा बढ़ जाता है तब ये घूम-घूम कर के उपदेश करते हैं, समझाते हैं, बताते हैं जैसे हमारे गुरु महाराज थे। संभलने का मौका देते हैं और बताते हैं कि देखो धुआं जहाँ है तहां आग है, तो होशियार रहो और देख लो पता नहीं कब आग लग जाए; इस तरह से संकेत करते हैं।
कलयुग और सतयुग की लड़ाई का समय आ रहा है
भविष्यवाणी मैं नहीं कर रहा हूं लेकिन संकेत में ही आपको समझा देता हूं कि आगे का समय बहुत खराब है और जगह-जगह पर धुंआ दिखाई पड़ने लग गया और कब वहाँ आग लग जाए और उसमें लोग ध्वस्त हो कर के मर जाएँ। आप यह समझो कि जैसे ही आप आग देखते हो कि जैसे फौज लगा दी गई है बॉर्डर पर और वहां पूरी तैयारी हो गई, अब कब गोलाबारी शुरू हो जाए, लड़ाई शुरू हो जाए यह कहा नहीं जा सकता है। ऐसे ही कलयुग और सतयुग की लड़ाई का समय आ रहा है।