CG – महिलाओं के हाथों में हरियाली की जिम्मेदारी – संजय पाण्डे

महिलाओं के हाथों में हरियाली की जिम्मेदारी – संजय पाण्डे
जगदलपुर से शुरू हुई एक अनोखी पहल
जगदलपुर। जगदलपुर शहर ने आज पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण को जोड़ते हुए एक नई मिसाल पेश की है। राज्य सरकार के निर्देश एवं महापौर संजय पाण्डेय की पहल पर नगर निगम के अमृत मित्र योजना के अंतर्गत शुरू किए गए वुमन फॉर ट्री अभियान ने न केवल हरियाली को संजोने की पहल की है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है।
महाराणा प्रताप वार्ड के पुराने डंपिंग यार्ड में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में विशेष आकर्षण यह रहा कि लगाए गए पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी अब महिला स्व-सहायता समूहों के पास होगी। नगर निगम इस उद्देश्य के लिए ट्री गार्ड उपलब्ध कराएगा ताकि पौधे सुरक्षित रहें।
जागरण महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष लक्ष्मी कश्यप, सदस्य सुलमणि डहरिया और डॉली बघेल को इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह प्रयोग अपने आप में इसलिए भी अनूठा है क्योंकि जगदलपुर शहर में पहली बार महिलाओं को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। योजना के तहत प्रत्येक स्थान पर 300 पौधे लगाए जाएंगे और एक समूह की तीन महिलाएं मिलकर 100-100 पेड़ों की देखभाल करेंगी। शहर के तीन स्थानों महाराणा प्रताप वार्ड पुराना डंपिंग यार्ड, कृष्ण कुंज और इंद्रावती नदी किनारे पर कुल 900 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस योजना की खूबसूरती यह है कि पौधारोपण मात्र औपचारिकता बनकर नहीं रह जाएगा। जियो टैगिंग से लेकर पौधों की दैनिक रिपोर्ट तैयार करने तक की व्यवस्था की गई है। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से न केवल पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सशक्त संदेश भी जाएगा।
अवसर पर महापौर संजय पांडे, नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन, आयुक्त प्रवीण कुमार वर्मा, एमआईसी सदस्य निर्मल पानीग्राही, लक्ष्मण झा, सुरेश गुप्ता, पार्षद श्याम सुंदर बघेल, ट्री मेन संपत झा, स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर रतन व्यास, धर्मेंद्र महापात्र, जितेंद्र मिश्रा, राजीव निगम, रोशन झा, शिव रतन खत्री, कलविंदर सिंह, बादशाह खान, प्रकाश झा, संजय चंद्राकर, ब्रिजेश शर्मा, सुधा मिश्रा, बिजली वैद्द, रीता वैश्य, प्रियंका वैद्द, रितेश सिन्हा सहित जनप्रतिनिधि और नागरिकगण मौजूद रहे।
महापौर संजय पांडे ने कहा हरियाली और स्वच्छता को बढ़ावा देने के साथ ही इस योजना से महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता का अवसर मिलेगा। जब महिलाएं आगे बढ़कर समाज के कार्यों में जिम्मेदारी निभाती हैं, तो परिणाम अधिक सशक्त और स्थायी होते हैं। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और हरित वातावरण की सौगात बनेगा।
यह सच है कि शहरीकरण की तेज़ रफ्तार में हरियाली धीरे-धीरे सिमटती जा रही है। ऐसे में इस तरह की योजनाएं न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित होंगी बल्कि नागरिकों को स्वस्थ जीवन-शैली की ओर भी प्रेरित करेंगी। साथ ही, महिला स्व-सहायता समूहों की भागीदारी उन्हें सामाजिक और आर्थिक स्तर पर मजबूती प्रदान करेगी। जगदलपुर से शुरू हुआ यह प्रयोग आने वाले समय में पूरे प्रदेश के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है। जरूरत इस बात की है कि समाज भी इस अभियान में सक्रिय सहयोग दे और हर पौधे को अपने भविष्य की धरोहर मानकर उसकी रक्षा करे।
महापौर संजय पाण्डे ने बताया शहर को हरियाली और स्वच्छ वातावरण से सराबोर करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की एक नई पहल अमृत मित्र योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना की खास बात यह है कि यह बिल्कुल एक पेड़ मां के नाम जैसी अवधारणा पर आधारित है। जिसके माध्यम से महिला स्व सहायता समूह को पेड़ लगाने और उसकी देखरेख की जवाबदारी दी गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी,तभी से विकास कार्यों की रफ्तार तेज हुई है। सरकार न केवल बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन पर ध्यान दे रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी अपनी प्राथमिकता में शामिल कर चुकी है। इसी कड़ी में अमृत मित्र योजना को जमीन पर उतारा जा रहा है।
नगर निगम आयुक्त प्रवीण कुमार वर्मा ने इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई है। शहर के प्रमुख मार्गों, उद्यानों, स्कूल परिसरों, नदी-नालों के किनारे और खाली पड़ी सरकारी भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा। पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड की व्यवस्था की जाएगी और उनकी नियमित देखरेख के लिए स्व-सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी जाएगी। आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में विकास कार्य तभी स्थायी होंगे जब हम प्राकृतिक संतुलन बनाए रखें। पर्यावरण की सुरक्षा और हरियाली ही भविष्य की पीढ़ी को स्वस्थ जीवन का आधार दे सकती है। अमृत मित्र योजना इसी सोच का हिस्सा है, जो समाज को प्रकृति के साथ जोड़े। इस योजना से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में जगदलपुर शहर हरियाली से ढक जाएगा और बस्तर की प्राकृतिक पहचान और भी सशक्त होगी। पौधों की बढ़ती संख्या न केवल पर्यावरण को संतुलित करेगी, बल्कि शहर की सुंदरता भी बढ़ाएगी। यह योजना न केवल पौधे लगाने की है, बल्कि उसे संवर्धित कर वृक्ष बनाने की भी है। हर नागरिक का जुड़ाव इसमें सुनिश्चित किया जाएगा ताकि यह केवल सरकारी कार्यक्रम न रहकर जन आंदोलन का रूप ले सके।