NBL, 30/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Raipur CG: Shanishchari Amavasya; Sadesati and Dhaiyya, welfare for the people, must read.
Shanishchari Amavasya: 30अप्रैल शनिवार को वैशाख शनिश्चरी अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों का काफी दुर्लभ संयोग देखने को मिल रहा है, पढ़े विस्तार से..
इस दिन सूर्य, चंद्रमा और राहु मेष राशि में होंगे, जबकि शनि मकर राशि और मंगल कुंभ राशि में होंगे। वहीं गुरु व शुक्र ग्रह एक साथ मीन राशि में होंगे। बता दें कि गुरु व शुक्र दोनों ही शुभ ग्रह हैं लेकिन दोनों के बीच शत्रु भाव रहता है। वैशाख अमावस्या पर बन रहा यह खास संयोग साढ़ेसाती व ढैय्या वाले लोगों के लिए बेहद कल्याणकारी है। क्योंकि शास्त्रों के नियमानुसार शनिश्चरी अमावस्या पर शनि की साढ़ेसाती, ढैया, दशा के उपाय का लाभ जल्दी मिल जाता है। शनि अमावस्या पर शहर के शनि मंदिरों में विशेष रूप से पूजन किया जाएगा।
भारत में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि वैशाख मास में शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बना है और इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। हिंदू वर्ष का दूसरा महीना वैशाख का काफी धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी माह में त्रेता युग का आरंभ हुआ था।
वैशाख अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने के कारण शनिश्चरी अमावस्या या शनि अमावस्या का संयोग बन रहा है। शनिवार के स्वामी शनि देव हैं और अमावस्या के दिन इनका जन्म हुआ था इसलिए अमावस्या तिथि का जब दुर्लभ संयोग बनता है तो शनिदेव महाराज की पूजा करना बेहद फलदायी माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन पितरों को जल का अर्पण भी दिया जाता है, जिससे पितृगण संतुष्ट होते हैं।
आइए जानते हैं साढ़ेसाती व ढैय्या वाले इस दिन क्या करें
- साढ़ेसाती व ढैय्या से प्रभावित लोग शनिश्चरी अमावस्या पर पीपल की पूजा करें। पीपल की पूजा में सबसे पहले दूध व जल पीपल को चढ़ाएं और फिर पांच पीपल के पत्तों पर पांच तरह की मिठाई रखकर पीपल को अर्पित करें। इसके बाद धूप-दीप करके सात बार परिक्रमा करें।
- शनिश्चरी अमावस्या पर पितरों के नाम का जल अर्पण करें और भोज करवाएं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं, जिससे वह आशीर्वाद देते हैं और पितृ दोष भी दूर होता है।
- शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव को प्रसन्न और शनि दोषों को दूर करने के लिए काला जूता व काला छाता दान करना चाहिए।
- साढ़ेसाती व ढैया का अशुभ प्रभाव दूर करने के लिए शनि मंदिर में शनि चालीसा या शनि स्त्रोत का पाठ करें। साथ ही शनि चालीसा का दान भी करें।
- शनिश्चरी अमावस्या पर साढ़ेसाती व ढैय्या से प्रभावित लोग लोहे के बर्तनों का भी दान कर सकते हैं।
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