शिखा की कविता “हाँ, मैं एक नारी हूँ” पहुँची 140 देशों में…

शिखा की कविता “हाँ, मैं एक नारी हूँ” पहुँची 140 देशों में।”
नया भारत डेस्क। मुंगेली जिले की कवयित्री डॉ. शिखा ने साहित्य जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी कविता “हाँ, मैं एक नारी हूँ” हाल ही में प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय संकलन She Raises, India Shines में शामिल की गई है।
यह पुस्तक Blue Cloud Publishers द्वारा प्रकाशित की गई है और 140 से अधिक देशों में उपलब्ध है। इसमें महिलाओं की शक्ति, संघर्ष, जज़्बे और योगदान को समर्पित चुनिंदा कविताएँ, लेख और कहानियाँ संग्रहित की गई हैं।
शिखा की रचना में नारी के साहस, संघर्ष और आत्मविश्वास की गहरी झलक मिलती है। कविता समाज को यह संदेश देती है कि एक नारी केवल सहनशीलता और ममता की प्रतीक ही नहीं, बल्कि शक्ति और आत्मनिर्भरता का जीवंत रूप भी है।
अपनी इस उपलब्धि पर शिखा ने कहा –
“मेरे लिए यह क्षण बेहद गर्व का है कि मेरी कविता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुई है। मैं चाहती हूँ कि मेरी लेखनी से महिलाएँ अपनी असली पहचान और ताक़त को समझें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँ।”
यह संकलन महिलाओं की आवाज़ और उनकी उपलब्धियों का उत्सव है। शिखा की इस सफलता ने न केवल मुंगेली, बेमेतरा छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है बल्कि भारतीय साहित्य में भी एक प्रेरणादायक अध्याय जोड़ा है।