SPORTS – अफ्रीका का 27 साल का इंतजार हुआ खत्म ऑस्ट्रेलिया कों हरा बना WTC का तीसरा चैंपियन ये खिलाड़ी चमके पढ़े पूरी ख़बर
खेल डेस्क//अफ्रीका क्रिकेट और फैन्स का लम्बा इंतजार अब ख़त्म हुआ हैँ आईसीसी के कई फाइनल सेमी फाइनल में पहुंच रही थी किन्तु सफलता हाथ नहीं लग पा रही थी ऐसे में कप्तान टेम्बा की टेस्ट में शानदार रिकॉर्ड नें एक बार फिर साथ दिया और पहली पारी में पिछड़ने के बावजूद शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया कों चारों खाने चित कर WTC फाइनल अपने नाम किया जिसमे रबाड़ा लुंगी टेम्बा और मारक्रम नें अपने हुनर का शानदार परिचय और अकेले एक छोर संभाले रखा आपको बताते चलें कि साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबला खेलने पहुंची थी और इसी दौरान उन्होंने खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के गुरूर को तोड़ डाला।
27 साल बाद अपनी पहली आईसीसी ट्रॉफी जीतने के साथ साउथ अफ्रीका के माथे से ‘चोकर्स’ का टैग भी मिट गया। डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025 जीतने के बाद साउथ अफ्रीका को करीब 30 करोड़ रुपये से नवाजा गया।
दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच का मैच खेला गया। इस मैच में अफ्रीका टीम के कप्तान टेम्बा बावुमा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी और उनका ये फैसला उनके लिए सही रहा।
मैच में पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 212 रन बनाकर ऑलआउट हुई। इसके जवाब में पहली पारी में अफ्रीका की टीम 138 रन पर ऑलआउट हुई। इसके बाद दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 207 रन बनाए और अफ्रीका को जीत के लिए 282 रन का टारगेट मिला। एडेन मार्करम के शानदार शतक और कप्तान बावुमा की चोट के बावजूज जुझारू 66 रन की पारी के दम पर अफ्रीका ने ये 83.4 ओवर में हासिल कर लिया।
टेम्बा और मार्करम के बीच तीसरे विकेट के लिए 250 गेंद में 147 रन की साझेदारी हुई। ट्रिस्टन स्टब्स 43 गेंद में आठ रन बनाकर पवेलियन लौटे। स्टार बल्लेबाज एडन मार्करम 207 गेंद में 136 रन बनाकर आउट हुए। इस तरह अफ्रीका ने डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रच दिया। दक्षिण अफ्रीका ने आईसीसी खिताब के 27 साल के सूखे को खत्म किया। टीम ने इससे पहले 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में अपना इकलौता आईसीसी खिताब जीता था।
कप्तान टेम्बा का दिखा दम…
अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बवूमा दूसरी पारी में बेटिंग करने उतरे तो चोटिल हो गए रन लेने में बहुत जद्दोजहद करना पड रहा था पर वो डटे रहें और लड़ते रहें दर्द से कराहते हुए रन बनाना जारी रखा और मारक्रम के साथ सतकीय शाझेदारी कर टीम कों जीत के मुहाने तक लें कर गए।