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राज्य स्वास्थ्य प्रशिक्षण संस्थान द्वारा महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक (एलएचवी) हेतु राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

 

मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाने में महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण एवं प्रभावशाली है |

 

रायपुर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी तथा गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्रशिक्षण संस्थान (SIHFW) के सौजन्य से महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के लिए एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 

कार्यक्रम के दौरान संयुक्त संचालक डॉ निर्मला यादव, उप संचालक मातृत्व स्वास्थ्य डॉ शैलेन्द्र अग्रवाल, डॉ वी. आर. भगत के साथ यूनीसेफ से डॉ गजेंद्र सिंह स्वास्थ्य विशेषज्ञ व उनकी टीम और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यरत महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। निरंतर प्रशिक्षण एवं अद्यतन जानकारी प्राप्त कर वे स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय तक प्रभावी रूप से पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं।

 

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रजनन, मातृ, शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य (RMNCH) सेवाओं के तहत एएनसी (Antenatal Care), उच्च जोखिम गर्भावस्था (HRP) की पहचान एवं प्रबंधन, पीएमएसएमए (PMSMA) कार्यक्रम, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, नवजात देखभाल और रेफरल समन्वय प्रणाली पर गहन विचार-विमर्श किया गया। सत्रों का संचालन उपसंचालक (MH, CH), यूनिसेफ (UNICEF) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञों ने किया।

 

कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की कार्यकुशलता और क्षेत्रीय नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने पर विशेष बल दिया। प्रतिभागियों को समूह चर्चा, केस अध्ययन और व्यवहारिक अभ्यासों के माध्यम से जमीनी अनुभव साझा करने का अवसर मिला। प्रशिक्षण के दौरान यह भी रेखांकित किया गया कि LHV न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की प्रथम पंक्ति हैं, बल्कि समुदाय और संस्थागत स्वास्थ्य सेवाओं के बीच सेतु के रूप में कार्य करती हैं।

 

स्वास्थ्य पर्यवेक्षण, जोखिम पहचान, पोषण और सामुदायिक सहभागिता में उनकी सक्रिय भूमिका मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में निर्णायक साबित हो सकती है।कार्यक्रम के समापन सत्र में पोस्ट-टेस्ट, फीडबैक प्रस्तुतिकरण लिए गए प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर परिणामों के लिए अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करने का संकल्प लिया। अवगत हो कि यह प्रशिक्षण प्रथम बैच के रूप में समाप्त हुआ तथा आने वाले समय में 14 बैचों के साथ पुरे राज्य के महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक (एलएचवी) को प्रशिक्षित किया जायेगा

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