अन्य ख़बरें

लाखों के भ्रष्ट्राचार और शासकीय जमीन अफरा तफरी के शिकायत से घिरी चाकाबुड़ा सचिव जनपद सीईओ के आंखों का बनी तारा: पंचायत से हटाए जाने नवनिर्वाचित सरपंच,पंचों की मांग बेअसर बाधित विकास पढ़े पूरी ख़बर

0 अधिकारी, प्रभावी जनप्रतिनिधि का रहमत प्राप्त सचिव.

0 कलेक्टर से भ्रष्ट्राचार की लंबी चौड़ी शिकायत के बाद भी करवाई नही.

कोरबा/कटघोरा//जिले के जनपद पंचायत कटघोरा अंतर्गत ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में वर्षों से जमे रहकर तत्कालीन सरपंच से सांठगांठ कर लाखों के भ्रष्ट्र कारनामे को अंजाम देने और गांव के शासकीय भूमि की अफरा तफरी मामले में शिकायत से घिरी सचिव रजनी सूर्यवंशी जनपद सीईओ यशपाल सिंह के आंखों का तारा बने हुई है। जिसके कारण उन्हें पंचायत से हटाए जाने नवनिर्वाचित सरपंच, पंचों द्वारा जनपद कार्यालय में महीने पूर्व दिए गए शिकायतपत्र के बाद भी सचिव यथावत बनी हुई है। ऐसे में वर्तमान सरपंच और सचिव के बीच चल रहे तनातनी के चलते ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है। बताया गया कि सचिव रजनी सूर्यवंशी लगातार अपने कर्तव्य से विमुख होकर पंचायत कार्यालय में नही बैठ रही है और पंचायत भवन में ताला लगा चाबी अपने पास रख ली है। नवनिर्वाचित सरपंच को आय- व्यय से संबंधित रिकार्ड नही सौंपी है और न ही ग्राम के बुनियादी समस्याओं की ओर ध्यान दे रही है। ऐसे में ग्राम विकास के कार्य बाधित हो चला है और ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है तथा गांव में मूलभूत समस्याएं पसर गई है। सचिव को पंचायत से हटाने शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा निष्क्रिय बने रहना सचिव के हौसले को बुलंद करता है।

गौरतलब है कि सचिव रजनी सूर्यवंशी और तत्कालीन सरपंच पवन सिंह कमरों उपसरपंच व रोजगार सहायिका अंजू सिदार के चौकड़ी खेल से निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्ट्राचार व सरकारी जमीन की बेधड़क बिक्री, अपात्रों को भूमि पट्टा का लाभ दिलाना, प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों से अवैध उगाही, बिना शौचालय निर्माण लाखों के हेराफेरी, मनरेगा कार्यों में गड़बड़ घोटाला सहित 16 बिंदु में शिकायत नवनिर्वाचित सरपंच श्रीमती उमाबाई, उपसरपंच कृष्णकला, पंचों समेलाल यादव, राजकुमारी भार्गव, गौरीशंकर, ललिता मरकाम, चमेली सरुता, गीता सिदार, प्रतिमा सिदार, संजय मरकाम के अलावा लगभग 4 दर्जन ग्रामीणों के संयुक्त हस्ताक्षर से गत 23 अप्रैल 2025 को कलेक्टर को सौंपा गया था। जिस शिकायत पर जांच तो हुई और शिकायतकर्ताओं का बयान भी कलमबद्ध किया गया, किन्तु मामले की कार्रवाई अभी तक गर्भ में है। इसके अतिरिक्त सचिव व तत्कालीन सरपंच के मिलीभगत में गांव के खम्भों में गिनती भर के स्ट्रीट लाइट लगाकर 3.21 लाख तो स्कूल, आंगनबाड़ी शौचालय, यात्री प्रतीक्षालय, नाला, बोर, स्वास्थ्य केंद्र, पीडीएस भवन मरम्मत के नाम पर बिना कार्य 9.28 लाख तो और गली साफ सफाई व मरम्मत एवं समतलीकरण, सोख्ता गड्ढा और शौचालय निर्माण के नाम पर 8.90 लाख का वारा न्यारा किया गया है। वहीं अपनी हार से बौखलाए सरपंच पवन सिंह ने भी ग्राम के सभी हेण्डपम्पों में पंचायत की ओर से स्थापित सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स निकालकर अपने घर ले गया। जिस करतूत का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है और वे पेयजल के लिए भाग- दौड़ कर रहे है। यह सब कारनामे और करतूत खबरों के माध्यम से सामने आने के बाद भी किसी प्रकार के कार्रवाई को लेकर संबंधित अधिकारियों और जिला प्रशासन के कानों में जूं तक नही रेंगी। इससे समझा जा सकता है कि साय के सुशासन में कोरबा जिले का सिस्टम कितना ढीला है और भ्रष्ट्राचारियों के हौसले सात समंदर पार दिख रहे है। बताया जाता है कि सचिव रजनी सूर्यवंशी पर जनपद अधिकारियों और शासन सत्ता वाले कोरबा जिले के एक प्रभावशाली जनप्रतिनिधि का अपार रहमो कृपा बरस रहा है, जिसके कारण उन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नही होती। कलेक्टर से हुई शिकायत पर भी किसी प्रकार की कार्रवाई न दिखना शायद उसी रहमो कृपा का ही असर है। लेकिन चाकाबुड़ा के जनता जनार्दन ने भी ठान लिया है कि जनतक भ्रष्ट्राचारियों के विरुद्ध कार्रवाई नही होगी वे चुप नही बैठेंगे और ग्रामहित की इस लड़ाई को जिले से लेकर राजधानी तक लड़ेंगे।

Related Articles

Back to top button