स्वामी विवेकानंद की 163वी जयंती चतरा के गोरक्षणी में मनाया गया…
स्वामी विवेकानंद के विचारों को घर-घर पहुंचना हमारा जिम्मेदारी : सोनू कृष्णन
स्वामी विवेकानंद की 163वी जयंती चतरा के गोरक्षणी में मनाया गया
स्वामी विवेकानंद के विचारों को घर-घर पहुंचना हमारा जिम्मेदारी : सोनू कृष्णन
झारखंड। राष्ट्रीय युवा दिवस अर्थात् स्वामी विवेकानंद के 163 वीं जयंती पर रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चतरा इकाई के द्वारा परिषद कार्यालय गोरक्षनी में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगोष्ठी की शुरुआत विद्या की देवी मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर की गयी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने अपनी भाषण के दौरान सभी ने स्वामी विवेकानंद के प्रति यही कहा कि राष्ट्र और समाज को देने वाले महान विभूति, जिनका व्यक्तित्व विराट एवं अद्भुत रहा है।
ऐसे व्यक्तित्व वाले स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 1949 से ही लगातार राष्ट्र और महापुरुषों के प्रति सम्मान और उनके विचारों को घर-घर पहुंचाने का काम करते आ रहे है। स्वामी विवेकानंद के जीवन को विद्यार्थी परिषद अपना आदर्श इसलिए मानती है कि क्योंकि उनके पूरे जीवन को देखने से देशभक्ति कि प्रेरणा मिलता हैं।
अपने राष्ट्र एवं समाज के लिए सभी सुख-सुविधाओं का त्याग दिया, ऐसे लोग समाज को आज भी प्रेरणा देने का काम कर रही है। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन के माध्यम से यह दिखाया कि युवा शक्ति ही राष्ट्र की रीढ़ है। उनके आदर्श आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं। हमें आत्मनिर्भर बनने और राष्ट्र निर्माण में अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं को अपने जीवन में अनुशासन, मेहनत और सेवा भावना को अपनाने का संदेश दिया।
स्वामी विवेकानंद ने अमरीका के शिकागो में हुए एक आयोजन में प्रभावशाली भाषण देते हुए भारतवर्ष को विश्व गुरु के रूप स्थापित करते हुए भारत की क्षमता का लोहा मनवाया था। सनातन धर्म औऱ आध्यात्म की आधुनिक और प्रेरणादायी व्याख्या करने में स्वामी विवेकानंद का अहम योगदान है।
स्वामी विवेकानंद को मानना था कि उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो, तब तक आगे बढ़ते रहो के आदर्श को युवा समझें। उन्होंने छात्रों से स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने और भारत माता की सेवा के साथ-साथ सामाजिक विकास को प्राथमिकता देने की बात कही। स्वामी विवेकानंद आयु में कम किंतु ज्ञान में असीम थे।
उन्होंने युवाओं से विवेकानंद के विचार “बल ही जीवन है एवं कमजोरी ही मृत्यु” को आत्मसात करने की अपील की।युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन को अपना आदर्श बनाएं। उनके आदर्शों पर चलकर ही भारत को विश्व गुरू के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
इस खास मौके पर उपस्थित खेलो भारत के प्रदेश प्रमुख मुन्ना यदुवंशी,नगर मंत्री विशाल प्रजापति, चतरा जिला से उभरते लेखक सोनू कृष्णन, मुख्य वक्ता पूर्व प्रदेश सह मंत्री अनिल कुमार यादव, पूर्व कार्यकर्ता स शिक्षक सचिन दुबे, पूर्व प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शुभम कुमार, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रणविजय सिंह, जिला SFD संयोजक रौनक सिंह, SFS जिला संयोजक उज्जवल साहू, थिक इंडिया अर्णव श्रीवास्तव, नगर मंत्री विशाल प्रजापति, नगर सह मंत्री अनुराग आर्य, सक्रिय कार्यकर्ता ध्रुव केशरी, शुभम कुमार, सन्नी कुमार, आशीष कुमार,कॉलेज इकाई अध्यक्ष साहिल सांघा, प्रियांशु सिंह, आशुतोष झा, अनिमेष कुमार, कुमकुम सिंह, तन्नू सिंह, चंदा पांडे, निशा वर्मा, नेहा वर्मा, अनु कुमारी, अनामिका कुमारी, प्रगति कुमारी, निशु कुमारी, सोनम कुमारी, खुशी कुमारी, संदीप कुमार, संदीप यादव, सनोज कुमार, मोहित केशरी, अभिषेक राणा, राकेश कुमार, सक्षम यादव, सम्राट यादव, सूरज कुमार, दीपू कुमार, सुंदर कुमार, आर डी एस कॉलेज छात्र प्रिंस कुमार सिंह समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।