NBL, 10/11/2024, Lokeshwar verma Raipur CG: The hasty elections in Jammu and Kashmir have given an opportunity to people with Jihadi mindset; the peace loving people there can take advantage of the removal of 370, 35A. पढ़े विस्तार से....
जब जम्मू कश्मीर में मुसलमान बहुसंख्यक हैं तो वहां के मुसलमानों को अपने आस-पास के विकास के साथ-साथ अपने विकास को भी प्राथमिकता देनी चाहिए न कि वहां के राजनीतिक गलत गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि आप लोगों को उस जम्मू कश्मीर में रहना है न कि भारत के अन्य राज्यों के लोगों को इसलिए वहां के मुसलमानों को जिहादी मानसिकता वाले लोगों को उखाड़ फेंकने की शपथ लेनी चाहिए ताकि जम्मू कश्मीर में शांति के विस्तार के साथ-साथ विकास की गति भी दुनिया को दिखाई दे क्योंकि आप लोग ही उन खूबसूरत वादियों के मालिक हैं।
इसलिए पुरानी गलत गतिविधियों को छोड़कर विकास का नया इतिहास रचने और जम्मू कश्मीर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए बढ़-चढ़कर आगे आना चाहिए वहां के लोगों को तब जम्मू कश्मीर दुनिया के लिए किसी जन्नत से कम नहीं लगेगा और यह जिम्मेदारी वहां के मुसलमानों को लेनी चाहिए ताकि पाकिस्तान के एजेंडे पर चलने वाले जिहादी मानसिकता वाले जम्मू कश्मीर के कुछ लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा जा सके और जम्मू कश्मीर के मुसलमानों के विकास की अच्छी गति को देखकर भारत के अन्य राज्यों के मुसलमानों को भी प्रोत्साहन मिले। अगर जम्मू-कश्मीर के मुसलमान भारत के अन्य राज्यों के मुसलमानों के लिए आइकॉन बन जाएं तो भारत में भाईचारा फैलेगा। क्योंकि जम्मू-कश्मीर भारत की दहलीज है और दहलीज से ही हमें पता चलता है कि वहां के लोगों का व्यवहार और विचार सही है या गलत और उसका असर पूरे देश में पड़ता है।
पाकिस्तान की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि उसे दोस्ती से ज्यादा अपनी आर्थिक हालत सुधारने की चिंता है। वहां के उत्पाद और उत्पादन दोनों ही आतंकवाद को जन्म देते हैं और उसकी आपूर्ति करते हैं और इससे भारत और पाकिस्तान दोनों परेशान हैं क्योंकि उन्हें हर दिन नुकसान हो रहा है। उनका एकमात्र दोस्त चीन भी पाकिस्तान को लूट रहा है लेकिन दे कुछ नहीं रहा है। चीन तब भी परेशान है जब उसके इंजीनियर पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी हमले में मारे गए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए कुछ करो वरना हमें ये करना पड़ेगा। चीन ने पाकिस्तान में अपने देश के सुरक्षा गार्ड तैनात करने की चेतावनी दी है। चीन के इन बयानों से पाकिस्तान के लोग नाराज हैं क्योंकि चीन इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर पाकिस्तान को पूरी तरह से खोखला कर रहा है।
यहाँ भारत के कुछ नेता पाकिस्तान का साथ देने और उनकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की बात करते हैं, जबकि इस समय पाकिस्तान को दोस्ती से ज्यादा पैसों की जरूरत है, उनकी आर्थिक हालत इतनी कमजोर हो चुकी है कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वह भारत से दोस्ती कैसे करें, हम पाकिस्तान भारत से दोस्ती भी नहीं निभा सकते, क्योंकि भारत हमसे एक ही शर्त पर दोस्ती करेगा, पहले आतंकवादियों को खत्म करे फिर दोस्ती करे और इस समय पाकिस्तान अपनी खराब परिस्थितियों से परेशान है तो वह आतंकवादियों को कैसे रोक पाएगा, उसके द्वारा बोए गए आतंकवादी उसे ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। पाकिस्तान हर तरफ से परेशान है और सारे हथकंडे अपना चुका है, दुनिया के देशों से मदद मांग कर देख चुका है, उसे इतनी मदद नहीं मिल रही कि वह अपने देश की आर्थिक हालत सुधार सके, पाकिस्तान भारत को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नहीं है, जबकि भारत और पाकिस्तान के कुछ गद्दार जिहादी मानसिकता केे लोग अच्छे खासे फंड देकर भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से आतंकवादियों को बुलाते हैं और पाकिस्तान का नाम खराब हो रहा है क्योंकि आतंकवादी उनकी धरती की उपज हैं।
आज भारत के कई इलाकों में आतंकी समर्थक मौजूद हैं, जिनकी सोच जिहादी मानसिकता की है। जम्मू-कश्मीर के शांतिप्रिय मुसलमानों को डर है कि कहीं अराजकता के पुराने दिन वापस न आ जाएं, हमारे बच्चे गलत मानसिकता वाले लोगों के चंगुल में न फंस जाएं, क्योंकि प्रजा की सोच राजा जैसी होती है और इसी सोच को बदलने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने प्रयासों से जम्मू-कश्मीर से 370, 35ए को हटा दिया, लेकिन विकास के रास्ते को रोकने के लिए पाकिस्तान परस्त नेशनल कॉन्फ्रेंस की एंट्री हो गई है, जो सदियों से जम्मू-कश्मीर के लोगों का शोषण करती आ रही है।
ये बात उनके बयानों में दर्ज है कि भारत को पाकिस्तान के साथ समझौता कर दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख नेता फारूक अब्दुल्ला कई बार ये कह चुके हैं, ये कोई नई बात नहीं है। अब ऐसी सोच रखने वाले नेताओं की सहानुभूति पाकिस्तान में जाना तय है, उनके अंदर पाकिस्तान के प्रति भक्ति को आप कैसे रोक सकते हैं। नहीं, जम्मू-कश्मीर की शांतिप्रिय जनता उन्हें नहीं रोक सकती, अब तो जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने से उनकी ताकत और भी बढ़ गई है। पहले तो वहाँ के हिंदुओ को निशाना बनाकर मनमानी करता था, अब वहाँ की बड़ी आबादी वाले मुसलमानों के उपर मनमानी करेंगे क्योंकि जिहादी मानसिकता रखने वाले लोगों का धर्म मजबूत नही होता वह पूरी तरह से अमानवीय होते है।
भारत के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की अच्छी सोच पर गर्व है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर से 370, 35ए को खत्म करने के अपने वादे को पूरा करने में सफलता हासिल की और वहां पर भारत का संविधान स्थापित किया तथा भारतीय तिरंगे का सम्मान बढ़ाया। आज वहां पर शांति वापस पटरी पर आ रही थी, भाजपा ने जल्दबाजी में जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाकर सही काम नहीं किया, इसका दुष्परिणाम जम्मू कश्मीर के शांतिप्रिय लोगों को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि आज भी जम्मू कश्मीर में जिहादी प्रवृत्ति के लोगों की सोच बरकरार है, पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन के आतंकी आज भी पनाह लेकर जम्मू कश्मीर में छिपे हुए हैं।
जो दिन प्रतिदिन अपनी गलत गतिविधियों से बाज नहीं आते हैं और वहां के शांतिप्रिय लोगों को आज भी डर है कि कहीं जम्मू कश्मीर में भी अशांति के वही दिन न आ जाएं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की विकास की पटरी रुक न जाए। आज जम्मू कश्मीर में देश के दूसरे राज्य से आए मजदूर भी इन आतंकियों से डरे हुए हैं क्योंकि हाल ही में कुछ मजदूरों पर आतंकवादी हमले हुए थे। पूरी तरह से इन आतंकीयों का सफाई के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने थे। आज जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों की भर्ती करने वाली पुरानी सरकार फिर से स्थापित हो गई है।
नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला, जिन्हें राष्ट्रपति शासन के दौरान नजरबंद कर दिया गया था ताकि उनकी गलत मानसिकता जम्मू कश्मीर के लोगों तक न पहुंचे, लेकिन आज उन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ जम्मू कश्मीर में अपनी सरकार बना ली है, इसलिए वे इसका बदला जरूर लेंगे। पाकिस्तान के एजेंडे पर काम करने वाले पाकिस्तान परस्त नेता नेशनल कांफ्रेंस, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला और उनके सहयोगी कांग्रेस के नेता और उनके इंडी गठबंधन के नेता अवाक हैं कि वे जम्मू कश्मीर में 370, 35 ए की बहाली पर क्या जवाब दें, क्योंकि संविधान की बात करने वाले संविधान तोड़ने वालों के साथ हैं। जम्मू कश्मीर में 370, 35 ए की बहाली के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का समर्थन करके कांग्रेस पूरी तरह फंस गई है।
आज आप जम्मू कश्मीर की ताजा घटना देख रहे हैं। एक महीने के अंदर ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मानसिकता देश देख रहा है कि वो क्या चाहते हैं? जब पूरे देश के लोग कहते हैं कि हम भारत के संविधान के नियम और कानून को मानते हैं और हम अपने भारतीय झंडे को सलाम करते हैं और हम इसे झुकने नहीं देंगे, तो फिर जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला देश के तिरंगे को अपना क्यों नहीं मानते और उन्हें देश के संविधान से दिक्कत क्यों है? वो क्यों कह रहे हैं कि भारत ने हमारी आजादी छीनी है और वो है हमारे जम्मू कश्मीर से 370, 35A को हटाना, भारत ने हमें धोखा दिया है, उन्होंने हमारी आजादी छीनी है, हमने अपने ही झंडे खो दिए हैं, हमने बहुत कुछ खो दिया है, भारत ने अपना संविधान हम पर थोप दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का ये सारा दर्दनाक बयान पूरे भारत को दिखाई दे रहा है। तो आप भारतीय इस तरह के दर्द से क्या समझते हैं? हम ये आपकी सोच पर छोड़ते हैं।
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के सुप्रीम लीडर अरविंद केजरीवाल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और वहां की छोटे दलों के नेताओं को गुरु ज्ञान देते हुए कहा था कि हम दिल्ली में सरकार चला रहे हैं, आप भी इसी तरह अपनी सरकार चलाइए, अगर जम्मू कश्मीर में आप सत्ता में आते हैं और काम ठीक से नहीं कर पाते हैं तो इसका दोष यहां के एलजी पर डाल दीजिए, हम जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए अच्छा काम करने की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन यहां के एलजी अड़चन डालते हैं, तो हम क्या करें, इस तरह से हम दिल्ली के लोगों को गुमराह करके अपनी सरकार चलाते हैं और कुछ दिनों बाद जम्मू कश्मीर में भी यही आप भी करना, यह पूरी तरह से सच है। यह एक प्रोफेशनल फंडा है। और इसकी पहली कोशिश विधानसभा में 370, 35ए की बहाली का प्रस्ताव पारित करके की गई, ऐसे छोटे-बड़े बेबुनियाद मुद्दे लाकर वे जम्मू-कश्मीर की जनता को भ्रमित करेंगे और सहानुभूति वोट लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और वहां की छोटे, बड़ी दल हमेशा के लिए सत्ता स्थापित करते रहेंगे, और जम्मू-कश्मीर पर शासन करने की एक बेहतरिन गाइडलाइन तैयार कर ली है।
लेकिन जम्मू-कश्मीर की जनता ने पीएम नरेंद्र मोदी के विकास का स्वाद चख लिया है पहले से, बहुत जल्द नेशनल कॉन्फ्रेंस की भ्रम वाली राजनीति के झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा, क्योंकि जम्मू-कश्मीर की जनता विकास को अपना रास्ता बनाने के लिए आगे बढ़ रही है, अब देश का मुसलमान भी चाहता है कि हमारे बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, देशभक्त राजनेता, सेना,पुलिस और प्रोफेशनल बनें और हमारी अर्थव्यवस्था का विकास करके हमें मजबूत बनाएं और हमारे परिवारों में शांति हो, मुसलमानों में धार्मिक कट्टरता हो सकती है लेकिन आर्थिक विकास उनकी जरूरत है, अच्छी आजीविका के लिए जिहादी मानसिकता हमें जेल भेजती है या मरवा देती है, लेकिन शिक्षित होकर हम महान बन सकते हैं, हमारे चारों ओर सुख और शांति का विस्तार होगा उनके अपने समुदाय को भड़काने वालों का कारोबार बंद हो जाएगा। ये आने वाले समय में बदलाव आना तय है भारतीय मुसलमानों के अंदर।