छत्तीसगढ़

बिलासपुर जिले के मस्तूरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कर्रा में उस वक्त हड़कंप मच गया जब बिजली से चिपक कर एक व्यक्ति जिसका नाम उमेश कश्यप बताया जा रहा है उसकी मौत हो गई बताया जाता है कि कुछ समय पहले कर्रा के किसी जनप्रतिनिधि ने डियो चढ़ाने के लिए उमेश कश्यप को ट्रांसफार्मर लगे पोल पर में चढ़ा दिया था इस दौरान डियो चढ़ाते हुए ग्रामीण उमेश कश्यप करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई आनन फानन में उमेश कश्यप को सिम्स में भर्ती कराया गया पर उसकी सांस थम गई जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी देखा जा रहा है चश्मदीन बताते हैं कि डियो गिरने के बाद बिजली ऑफिस में बैठे ऑपरेटर मदन साहू को लाइन बंद करने के लिए कॉल भी किया गया था पर उन्होंने कॉल पर कहा कि बिजली बंद नहीं कुछ क्षण के लिए ट्रिप कर देंगे और आप अपना काम कर लेना पर उमेश कश्यप को लगा कि बिजली तो बंद है तो क्यों ना हाथ से ही डियो को चढाकर बिजली की आपूर्ति को सुचारू रूप से चालू कर दिया जाए और गलती यही हुई उमेश कश्यप ने जैसे डियो को पकड़ के ट्रांसफार्मर में लगे कनेक्शन से जोड़ने का कोशिश किया वह 11 केवी के चपेट में आ गया अब कुछ ही क्षणों में चिपक कर नीचे गिर गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई सवाल यह है कि जब बिजली की समस्या कहीं हो और किसी को परमिट देनी हो तो क्या वह इंसान वेरीफाइड होना चाहिए और अगर आपने किसी को परमिट दिया है तो अधूरा क्यों दिया है क्या इसमें जे ई आकाश पाण्डेय की जिम्मेदारी नहीं बनती क्या मस्तूरी प्रभारी ए ई चौहान की भी लापरवाही नजर आती हैँ जो अपने कर्मचारियों जिम्मेदारो कों संभाल नहीं पा रहें हैँ क्योंकि यह कोई मजाक नहीं है यहां किसी एक व्यक्ति की जान चली गई उसके बच्चे अनाथ हो गए हैं यहां बिजली विभाग की साफ लापरवाही देखी जा रही है लोगों का भी कहना है कि आप उस व्यक्ति को परमिट देते हैं जिसको आप जानते हैं या बिजली विभाग से संबंधित हो या कर्मचारी हो और जब आपने परमिट दिया था तो अपने बिजली बंद पूरी तरह से क्यों नहीं किया था और जब आपने बिजली पूरी तरह से बंद नहीं किया था तो आपको उस व्यक्ति को बताना चाहिए था जो डियो चढ़ाने के लिए ऊपर चढ़ा हुआ था अगर आप बता देते तो शायद उस व्यक्ति की जान बच जाती जाहिर सी बात हैँ इसमें मस्तूरी जे ई और ए ई की साफ लापरवाही दिखाई दे रही है जिनके कर्मचारी की लापरवाही के वजह से उमेश कश्यप की जान गई है देखना होगा बिजली विभाग में बैठे ऊपर के अधिकारी इन पर क्या एक्शन लेते हैं जो जरुरी हैँ नहीं तो पता नहीं और कितनी जानें लेंगे ये,जाने वाला तो चला गया पर उसका परिवार अनाथ हो गया है उनका क्या होगा उनके छोटे-छोटे जो बच्चे हैं उनके पालन पोषण की जिम्मेदारी किसकी होगी घर का जो मुखिया था जो घर चलाता था उसकी मौत बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के वजह से हो गई है कर्रा के कुछ जन प्रतिनिधि भी इसमें शामिल है इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता हालांकि ग्रामीण जनप्रतिनिधि का नाम लेने से हिचकिचा रहे हैं पर कुछ ग्रामीण बताते हैं कि गांव के कुछ मुख्य जनप्रतिनिधि उमेश कश्यप को घर से लेकर गए थे डियो चढ़ाने के लिए और वहां खड़ा होकर डियो चढ़वा रहे थे जनप्रतिनिधि भी इतने लापरवाह हो जाएंगे किसी ने सोचा नहीं था चालू लाइन में किसी को ट्रांसफार्मर वाले पोल में चढाने की क्या जरूरत थी और अगर लाइट चालू थी तो आपको उनको दस्ताना पहना कर पूरी सेफ्टी के साथ ऊपर चढ़ाना चाहिए था पर आपने ऐसा नहीं किया जिसके वजह से पूरा परिवार आज सदमे में हैँ रो-रो के परिवार का बुरा हाल है देखना होगा इन पर क्या एक्शन लिया जाता है लापरवाही इतनी भी नहीं होनी चाहिए कि किसी की जान चली जाए।

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