छत्तीसगढ़

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सम्पन्न हुई छठ महापर्व का सफर।


((नयाभारत सितेश सिरदार लखनपुर)):–सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा का सफर मंगलवार को सम्पन्न हुई। दरअसल शनिवार को नहाय खाय के साथ पूरे उत्साह के साथ यह महापर्व आरंभ हुआ था। व्रती महिलाएं दूसरे दिन रविवार को छठ घाट पहुंची स्नान ध्यान के बाद घाट बंधान थाला पूजन किये। जलसरोवरो से घर वापस लौटने के बाद नियमानुसार व्रती महिलाओं ने रविवार को खीर भोजन करने के साथ खरना रस्म अदा किये। सूर्य देव के प्रति अटूट भक्ति आस्था का प्रतीक छठ महापर्व की शुरुआत यही से हुआ।
36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास रख महिलाओं ने यह व्रत किये।प्रथा अनुसार उपासक महिलाओं ने सोमवार की शाम अस्ताचल गामी डुबते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर का आशीर्वाद प्राप्त किया।इस श्रृंखला में मंगलवार की सुबह उदीयमान उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर पडित पुजारियो के मुखारविंद से छठी म मईया सूर्य षष्ठी के कथा सुने। विशेष हवन पूजन आरती इस तरह चार दिन तक चलने वाले सूर्योपासना छठ महापर्व का सफर सम्पन्न हुआ।उपासक महिलाओं ने पारण कर व्रत खोला।
नगर पंचायत लखनपुर में व्रती महिलाओं के सुविधा को ध्यान में रखते हुए नगर पंचायत के ओर से साफ सफाई प्रकाश की इंतजामात किये थे। बस स्टैंड जूना लखनपुर से प्राचीन देव तालाब तक बेहतरीन साज सज्जा की गई थी।
वहीं चुल्हट नदी के सती घाट ढोढी घाट तथा आमा घाट में व्रती महिलाओं के परिजनों तथा श्रद्धालुओं की अपार भीड़ लगी रही। बीते सालों के अपेक्षा इस साल उपवास रखने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। दिन ब दिन छठ पूजा के प्रति लोगों का आस्था बढ़ता जा रहा है। बस स्टैंड तथा दैनिक गुदड़ी बाजार में लगे छठ पूजा सामग्री दुकानों में खरीदारों की भीड़ देखी गई। दौरी सुप गन्ना मौसमी फल जरूरियात के सभी सामानों की बिक्री जोरों पर रही। छठ घाटों में छठी मईया के भक्ति गीत संगीत से सारा घाट सराबोर रहा। स्थानीय कलाकारों ने छठ घाट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बेहतर छठ गीतो की प्रस्तुति दी। आतिशबाजी डीजे साउण्ड सिस्टम पर बजते भक्ति गीत तथा ढ़ोल नगाड़े से नगर में ही नहीं अपितु जहां जहां छठ पूजा हो रहा था वहां कोलाहल मचा रहा।
व्रती महिलाओं ने अपने आराध्य उगते सूर्य देव को अर्ध्य देकर नमस्कार किये। छठी मईया से अपने सौभाग्य पुत्र पौत्र की मगल कामना करते सुख समृद्धि के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना किये वहीं सूर्य षष्ठी के कथा सुने विशेष हवन पूजन आरती के साथ छठ महापर्व का सफर सम्पन्न हुआ।

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