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‘जयगुरुदेव’ नाम प्रभु का नाम है और सब लोगों को अंदर-अंदर में इस नाम का अजपा जाप करते रहना चाहिए – बाबा उमाकान्त महाराज

‘जयगुरुदेव’ नाम प्रभु का नाम है और सब लोगों को अंदर-अंदर में इस नाम का अजपा जाप करते रहना चाहिए – बाबा उमाकान्त महाराज

अगर आप रक्षा करने वाले को अपना नहीं बनाओगे तो खराब समय में आपकी रक्षा कौन करेगा

खारघर, नवी मुंबई, महाराष्ट्र। परम् सन्त बाबा उमाकान्त महाराज ने 2 अक्टूबर 2025 के सतसंग में कहा कि आगे का समय बहुत खराब आ रहा है। उसको बताने का समय अभी नहीं आया है लेकिन आपको संकेत दे रहा हूं कि नया वर्ष लगा नहीं कि आफतें शुरू हो जाएंगी, आपदाएं आने लगेंगी।

“सुख शांति का नाम ना लेना, जान बचे बड़े भाग।”

जान बच जाए तो बड़े भाग्य हैं। धन-संपत्ति का तो नाम ही मत लेना और चीजों के सुख का तो नाम ही मत लेना, लोगों की जान बच पाना मुश्किल हो जाएगा। अब वे आपदाएं कैसी होंगी? ये तो नया वर्ष जब आएगा, सतसंग होगा तब बताया जाएगा। सारी बात पहले से बता देंगे तो आप भूल जाओगे; लेकिन अलर्ट हो जाओ।
जहां बाढ़ आने को होती है, वहां पहले ही चेतावनी कर दी जाती है, पहले ही बोर्ड लगा दिया जाता है, लोगों के लिए मुनादी पहले ही कर दी जाती है कि बाढ़ में दो दिन का समय रह गया है। चेतावनी दे दी जाती है कि अब बाढ़ आने वाली है। ऐसे ही ये चेतावनी दे दे रहा हूं जिससे कि आपकी रक्षा हो जाए।

युग परिवर्तन का समय आ रहा है

“कलयुग में कलयुग जाएगा और कलयुग में सतयुग आएगा” तो वह (कलयुग) रगड़ाई करेगा और बहुत लोग पिस जाएंगे। “लाशों पे लाशों का होगा नज़ारा, सुनते तो जाओ संदेश हमारा” तो वह समय आ रहा है। बहुत जगह देखो लड़ाईयां हो रही हैं, उठाने वाले नहीं हैं। लाशें सड़ रही हैं और सड़ने से बीमारियां पैदा हो जा रही हैं, हवा दूषित हो जा रही है, जहरीली होती जा रही है।
आदमी के मरने से जब यह शरीर सड़ता है तब हवा से वह बदबू फैल जाती है और हवा जहरीली हो जाती है। तो विदेश में बड़ी खराब स्थिति हो रही है। विदेशों में तो ये सब ज्यादा होगा, पहले उधर ही ज्यादा होगा लेकिन अछूते आप भी नहीं रह पाओगे और अगर आप अपने अंदर मजबूती नहीं ला पाओगे तो फिर रक्षा कौन करेगा? आप रक्षा करने वाले को अपना नहीं बना पाओगे तो आपकी रक्षा कौन करेगा ?

परीक्षा के समय विद्यार्थी ‘जयगुरुदेव’ नाम से लाभ कैसे ले सकते हैं ?

हमारे गुरु महाराज चले गए लेकिन ‘जयगुरुदेव’ नाम को उन्होंने जगाया। जैसे राम भगवान ने जगाया था, कृष्ण भगवान ने जगाया था, कबीर साहेब ने जगाया था, गुरु नानक जी ने जगाया था, शिवदयाल जी महाराज ने जगाया था, वैसे ही गुरु महाराज ने ‘जयगुरुदेव’ नाम जगाया। तो ‘जयगुरुदेव’ नाम भगवान का नाम है, प्रभु का नाम है और सब लोगों को बोलते रहना चाहिए। चलते-फिरते बोलते रहना चाहिए, अंदर-अंदर में ‘जयगुरुदेव’ नाम का अजपा जाप करते रहना चाहिए।

बच्चों ! जब परीक्षा में कोई सवाल न समझ में आए तब उस समय आंख बंद करना, ध्यान लगाना और ‘जयगुरुदेव’ नाम अंदर में बोलना, ‘जयगुरुदेव’ नाम की ध्वनि थोड़ा सा बोल करके और फिर लिखाई शुरू कर देना, तो जहां 40 नंबर मिलने का है, वहां 60 नंबर मिल जाएंगे। लेकिन अगर आप कहो कि हम कुछ पढ़ेंगे ही नहीं, ‘जयगुरुदेव’ नाम ही कॉपी में लिख आएंगे, ‘जयगुरुदेव’ नाम ही बोलेंगे उस समय पर और उससे अक्ल आ जाएगी, बुद्धि आ जाएगी, तो ऐसा नहीं है। कर्तव्य पहले करो और फल उसका बाद में लो, मेहनत पहले करो तब मजदूरी लो, ऐसे फ्री में मजदूरी नहीं मिलती है। अगर फ्री में कभी मजदूरी मिल जाती है तो उसकी आदमी कीमत नहीं समझता है।

सरकार जो अनुदान देती है उसका पैसा ऐसे उड़ाता है जैसे मालूम पड़ता है कि पानी है; पानी की तरह बहाता है। जो फ्री में दवा मिलती है उसको उतना खाता है जितनी कीमती दवा की कीमत लगाता है? ऐसे ही समझो कि फ्री में नहीं। मेहनत करो; पढ़ो, परीक्षा के समय जब समझ में ना आए तब ‘जयगुरुदेव’ नाम बोल कर, ध्यान लगा कर लिख देना।

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