छत्तीसगढ़

CG – पाखंड की खुली पोल : झांड़-फूंक से उतारता था लोगों का जहर, जब खुद को काटा सांप तो अक्ल आ गई ठिकाने…..

जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक शख्स लंबे समय से लोगों को सांप का जहर उतारने के लिए झाड़-फूंक के पाखंड के जरिए लोगों को बेवकूफ बनाता था। लेकिन जब उसे सांप ने काटा तो वह खुद का झाड़-फूंक करने के बजाय सीधे अस्पताल पहुंचा। जहां डॉक्टरों की मुस्तैदी और त्वरित इलाज की वजह से उसकी जान बच गई। इसके बाद अब सर्पदंश का झाड़ फूंक से इलाज करने वाले बाबा कह रहे हैं कि ऐसे मामलों में बिना समय गंवाए सीधे अस्पताल का रुख करें, न कि झाड़ फूंक के फेर में रहें।

झाड़-फूंक के लिए मशहूर है बाबा

रायगढ़ जिले के ग्राम बरपाली चरखपारा निवासी 40 वर्षीय शंकर यादव, जो स्थानीय लोगों के बीच झाड़-फूंक और सांप पकड़ने के लिए मशहूर हैं, उन्हें एक जहरीले नाग सांप ने काट लिया। यह घटना तब हुई, जब शंकर यादव अपने दाहिने हाथ से सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। सांप के काटने के तुरंत बाद शंकर यादव को उनके परिजनों ने बिना देरी किए सिविल अस्पताल पत्थलगांव पहुंचाया।

डॉक्टरों ने बचाई जान

अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने सर्पदंश के लिए जरूरी एंटी-वेनम इंजेक्शन और अन्य चिकित्सा सुविधाएं समय पर देकर बाबा की जान बचाई। सर्पदंश पीड़ित मरीज का उपचार करने वाले डॉक्टर ने बताया कि मरीज को समय पर अस्पताल लाया गया, जो उसकी जान बचाने में सबसे महत्वपूर्ण था। सर्पदंश के मामलों में तुरंत चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है। हमने मरीज को एंटी-वेनम और अन्य जरूरी उपचार दिए, जिसके बाद उनकी स्थिति स्थिर हो गई और अब वह पूर्णतः स्वस्थ हैं।

बाबा खुद करता है सर्पदंश का इलाज

हैरानी की बात तो ये है कि शंकर यादव, जो खुद दूसरों को सर्पदंश से बचाने के लिए झाड़-फूंक करते थे, इस बार खुद इस सर्पदंश का शिकार हो गए। लेकिन उनकी और उनके परिजनों की समझदारी ने उनकी जान बचा ली। अब स्वस्थ हो चुके शंकर यादव ने लोगों से एक खास अपील की है। उन्होंने कहा कि वे पिछले कई सालों से सांप पकड़ने के अलावा सर्पदंश पीड़ितों का झाड़फूंक करते आये हैं। लेकिन इस बार जब सांप ने उन्हें काट लिया। तो उन्होंने तुरंत अस्पताल जाने का फैसला किया, और आज वे ठीक हैं। और अब वे कह रहे हैं कि सर्पदंश होने पर झाड़-फूंक या देसी नुस्खों पर भरोसा न करें। तुरंत अस्पताल जाएं, क्योंकि समय पर इलाज ही आपकी जान बचा सकता है।

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