छत्तीसगढ़

पंडरिया न्यायालय परिसर में, हरा सोना’चोरी/ कानून के आंगन में चोरों का राज। सवाल,जब न्याय के घर के पेड़ नहीं बचे,तो जनता का हक कौन बचाएगा?

कवर्धा/पंडरिया में चोरी का खेल अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इस बार चोरों ने सिर्फ ताले या सामान नहीं तोड़े, उन्होंने सीधे कानून के आंगन में ‘हरा सोना’ काट डाला।

देश में जहां प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक हर किसी को एक-एक पेड़ लगाने की मुहिम में जुटाया जा रहा है, वहीं पंडरिया में चोरों ने कानून के ‘आंगन’ में ही हरे-भरे विशाल वृक्षों पर कुल्हाड़ी चला दी।

पंडरिया के व्यवहार न्यायालय, एसडीएम ऑफिस, तहसील कार्यालय और रजिस्ट्री ऑफिस से घिरे सरकारी परिसर में चबूतरे के बीच खड़े दो विशाल वृक्ष… रात या दिन के उजाले में काटे गए और गायब कर दिए गए। सबसे हैरान करने वाली बात, यह सब कानून के रखवालों की आंखों के सामने हुआ, और किसी को भनक तक नहीं लगी।

वकीलों का आरोप है कि यहां चोरी की घटनाएं आम हैं, कभी फाइलें, कभी निजी सामान, और अब पूरे के पूरे पेड़। पहले तहसील प्रशासन ने सुरक्षा के लिए गार्ड रखा था, लेकिन उसे हटा दिया गया। नतीजा, चोरों को खुला न्योता मिल गया।

घटना के बाद जब एसडीएम और तहसीलदार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो दोनों विभागीय कार्य से कवर्धा गए हुए थे। मोबाइल पर कॉल करने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं। और अफसरों का यह हाल कि उन्हें खबर ही नहीं कि उनके आंगन के पेड़ कब साफ हो गए।

नागरिकों का सीधा सवाल,अगर न्यायालय परिसर के पेड़ महफूज़ नहीं,तो आम नागरिक का सामान कौन बचाएगा?

अब सवाल उठता है, क्या पंडरिया में चोरों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि वे कानून के घर में भी बेखौफ सेंध लगा रहे हैं,या फिर सुरक्षा व्यवस्था नाम की चीज ही खत्म हो चुकी है?

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