छत्तीसगढ़

कहानी ऐसे नवनिर्वाचित सरपंच की जो लगातार 20 सालों तक बनते रहें पंच और करते रहें गाँव वालों की सेवा जानें पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//मस्तूरी जनपद पंचायत के पास जयरामनगर पड़ता है जयरामनगर से कुछ किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कछार पड़ता है जहां इस बार प्रमिला कमल भार्गव सरपंच चुन कर आए हैं यू कहें कि गाँव वालों ने इनकों एकतरफा जिताया हैं तो गलत नहीं होगा ये 4 सौ से भी अधिक वोटों से विजयी हुए हैं आपको बताते चलें कि कमल भार्गव पिछले 20 वर्षों से लगातार गांव की राजनीति में एक्टिव है और किसी भी पंचवर्षीय में ऐसा एक बार भी नहीं हुआ कि वह पंच चुनकर ना आए हो इनकी इतनी लोकप्रियता ऐसे ही नहीं हैं ये गाँव वालों के हर दुख सुख में शामिल होते हैं और सहयोग भी करते हैं कमल भार्गव महिला सीट होने के कारण इस बार अपनी पत्नी प्रमिला भार्गव को सरपंच पद के चुनाव में उतारे थे और उन्होंने जीत दर्ज भी की है कमल ने हमसे बातचीत करते हुए बताया कि 20 साल गांव की राजनीति करने के बाद उनको ऐसा लगा कि एक बार सरपंच बनकर गांव की जनता की सेवा कर लेता और जो भी थोड़ा बहुत गांव में समस्या है उसको सरपंच बनने के बाद दूर कर लेता यही उनकी इच्छा थी और इन्होंने अपने घर वालों को भी बोल रखा था कि अगर इस बार उनका चुनाव में शिकस्त मिलती है तो वह दोबारा राजनीति में कभी कदम नहीं रखेंगे ना गांव में ना ही गाँव के बाहर पर गांव वालों ने उनको प्रचंड बहुमत से जीताकर साबित कर दिया कि उन्होंने जो 20 साल गांव वालों का सहयोग सेवा किया था वह सार्थक है और गांव वाले भी इस बात को मानते हैं कि कमल भार्गव एक अच्छा जनप्रतिनिधि है और गांव की इमानदारी से सेवा कर सकता है जिसके कारण उनको प्रचंड बहुमत से जीता कर गांव वालों ने सरपंच बनाया है आगे कमल बताते हैं कि 5 साल सब मिलकर काम करेंगे और गांव की उन्नति में सहभागिता निभाएंगे।

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