छत्तीसगढ़

अवहेलना:अधिकारियों के मुख्यालय में रहने जिला प्रशासन के निर्देश को हवा में उड़ा रहा यह अधिकारी,बिलासपुर से रोजाना कर रहे आना जाना,11 बजे के बाद पहुँच रहे कार्यालय तो 5 बजे से पहले रवाना जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर

कोरबा/पाली//विभागों के प्रमुखों को मुख्यालय पर रहने के जिलाधिकारी द्वारा दिये गए निर्देश पाली जनपद पंचायत कार्यालय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के लिए कोई मायने नही रखता और इस निर्देश को हवा में उड़ाते हुए वे रोजाना बिलासपुर स्थित निवास से आना जाना कर रहे है। जिससे वे समय पर नही पहुँच रहे और समय से पहले रवाना हो जा रहे। ऐसे में कार्यालयीन कामकाज तो प्रभावित हो ही रहा तो वहीं फरियाद लेकर जनपद कार्यालय पहुँचने वाले ग्रामीणों को भी अधिकारी के समय पर नही मिलने से परेशानी उठानी पड़ रही है।

विकासखण्ड पाली के 93 ग्राम पंचायतों में शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन और विकास का जिम्मा संभाले जनपद पंचायत कार्यालय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भूपेंद्र सोनवानी के कार्यालयीन समय के बाद ब्लाक मुख्यालय में न मिलने से पंचायतों का विकास कार्य कैसा चल रहा होगा और ग्रामीण जनता को शासन की योजनाओं का लाभ किस तरह मिलता होगा, इसका अंदाजा उनके 11 बजे के बाद कार्यालय पहुँचने और 5 बजे से पहले रवाना हो जाने को लेकर सहज लगाया जा सकता है, जो कलेक्टर के निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए रोजाना बिलासपुर से अप डाउन कर रहे है। बीते दिनों कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में लिए गए समीक्षा बैठक के दौरान सभी विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अधिकारी अपने- अपने कार्यस्थल मुख्यालय में उपस्थित रहे। लेकिन पाली जनपद सीईओ के लिए कलेक्टर का निर्देश नाकाफी साबित हो रहा और वे रोजाना सीमावर्ती बिलासपुर जिला मुख्यालय से जनपद कार्यालय पहुँच रहे है। जबकि उनके निवास के लिए जनपद कार्यालय के पास आवास आवंटित है, लेकिन वे वहां रुकना पसंद नही करते और गैर जिला से अप डाउन कर ड्यूटी निभा रहे है। उनके इस रवैये से न सिर्फ कार्यालयीन कामकाज में देरी होती है, बल्कि अपनी फरियाद लेकर जनपद कार्यालय पहुँचे ग्रामीणों को भी परेशानी होती है। किन्तु सीईओ भूपेंद्र सोनवानी को तो अपनी मनमर्जी से काम करना है,तभी तो जिला प्रशासन के निर्देश की अवहेलना करते हुए खुलेआम सुबह 11 के बाद नौकरी पर आते है और शाम 5 से पहले बिलासपुर लौट जाते है। यदि शाम के बाद या फिर छुट्टी के दिन इन्हें जरूरी शासकीय कार्य से बुलाना हो तो इनकी उस समय पोल खुल सकती है। ब्लाक स्तर के ऐसे अधिकारी का अप डाउन रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा भी ठोस प्रयास की आवश्यकता है ताकि नौकरशाहों की मनमानी पर लगाम लग सके।

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