छत्तीसगढ़

बीजेपी की सुशासन राज पर दाग बना बिलासपुर मस्तूरी के सोन में पदस्त ये शिक्षक फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र की जाँच पाई गई सही फिर भी विभागीय अधिकारी मेहरबान कार्यवाही कब पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//मस्तूरी के सोन के सरकारी स्कूल में एक ऐसा शिक्षक हैँ जिन पर फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने का आरोप लगा था जिस पर आरोपी शिक्षक कों महीनों पहले नोटिस जारी किया गया था फिर विभागीय जाँच कराई गई जहाँ उनके द्वारा नौकरी के लिए जमा की गई दस्तावेज में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र पाया गया मतलब ये साफ हो गया की उन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी झूठी विकलांग प्रणाम पत्र का सहारा लिया पर आपको जान कर हैरानी होंगी की विभाग नें अभी तक इन फर्जी डॉक्यूमेंट का सहारा लेने वाले शिक्षक पर कोई भी कार्यवाही नहीं किया हैँ जिसके कारण बिलासपुर जिले के शिक्षा विभाग में बैठे बड़े अधिकारीयों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहें हैँ।

कौन दे रहा फर्जी शिक्षक कों सह ?

सोचने वाली बात हैँ की ये साबित होनें के बाद भी की वर्ग एक में कार्यरत ये शिक्षक नें फर्जी दस्तावेज का शहारा लेते हुए गलत और झूठी जाली काम कर पुरे विभाग कों धोखा दिया जिसके कारण पुरे छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग की छवि सम्मान दांव में लग गई हैँ और सबके मन में यही सवाल हैँ की अगर विभागीय जाँच में साबित हुआ की उनके द्वारा लगाए गए दस्तावेज फर्जी हैँ तो कार्यवाही क्यों नही किया जा रहा और किसके इसारे पर ये फर्जी खेल खेला जा रहा हैँ और क्यों बिलासपुर शिक्षा विभाग कों फर्जी शिक्षक के लिए बदनाम किया जा रहा हैँ

क्या यही हैँ बीजेपी का सुशासन राज ?

भारतीय जनता पार्टी के बड़े से छोटा नेता जब भी मिडिया से मुख़ातिब होते हैँ वो सुशासन की बात कहना और बताना नहीं भूलते पर ऐसे शिक्षकों कों भी इनके राज में ही सह मिल रहा हैँ इसको नाकारा नहीं जा सकता फिर कैसे ये बोल सकते हैँ की बीजेपी की छत्तीसगढ़ की ये सरकार सुशासन की सरकार हैँ।

फर्जी दस्तावेज लगा नौकरी पाने वालों पर क्या कार्यवाही होती हैँ ?

सरकार के मौजूदा निर्देशों के मुताबिक अगर यह पाया जाता है कि किसी सरकारी कर्मचारी ने नियुक्ति पाने के लिए गलत जानकारी दी है या गलत प्रमाण पत्र पेश किया है,तो उसे सेवा में नहीं रखा जाना चाहिए.उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा नियम कहता हैँ कि जब नियुक्ति प्राधिकारी को पता चलता है कि किसी कर्मचारी ने फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया है,तो वह संबंधित सेवा नियमों के प्रावधानों के तहत ऐसे कर्मचारी को सेवा से हटाने या बर्खास्त करने के लिए कार्रवाई शुरू करता है।

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