Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश को बड़ा झटका, JDU के इस दिग्गज नेता ने दिया इस्तीफ़ा….

बिहार : बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजनीतिक दल अपनी सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुटी हुई हैं। वहीं राजनेता विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। इसी क्रम में सीएम नीतीश को हाजी मोहम्मद परवेज़ सिद्दीकी ने ज़ोरदार झटका दिया है।
अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने पार्टी की सभी ज़िम्मेदारियों से किनारा कर लिया है। उन्होंने पार्टी की विचारधारा से अलग हो कर वक्फ बिल पर जदयू का समर्थन और सीएम नीतीश की चुप्पी को अपने इस्तीफे का मुख्य कारण बताया।
परवेज सिद्दीकी ने कहा कि पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा की जानकारी पार्टी के नेता नीतीश कुमार और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को ईमेल के ज़रिए भेज दी है। जेडीयू का हिस्सा होने के बावजूद सिद्दीकी ने 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में पार्टी के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जो की सियासी गलियारों में काफी दिनों तक चर्चा का विषय बना हुआ था।
हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने कहा कि वह लगातार नीतीश कुमार से मुसलमानों की चिंता करने की अपील की, उनके लिए पार्टी का रुख साफ़ करने की बात कही, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बिहार में जेडीयू के बीजेपी की विचारधारा से तालमेल पर परवेज़ सिद्दीकी ने असंतोष जताया, इसके बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया।
एक बैठक के दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और संस्थापक वशिष्ठ नारायण सिंह ने परवेज सिद्दीकी को पार्टी छोड़ने से मना किया। उन्होंने कहा कि बाद में इस फैसले पर पछतावा हो सकता है। अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी ऑफर दिया कि अगर पार्टी में बने रहे तो मदरसा बोर्ड या अल्पसंख्यक आयोग के नेतृत्व में संभावित भूमिका दी जाएगी।
परवेज सिद्दीकी ने सभी लोगों से रायशुमारी की और फिर यह फ़ैसला लिया की यह मुद्दा व्यक्तिगत मामलों से परे है। वक्फ और शरीयत में हस्तक्षेप लाखों मुसलमानों के लिए मुश्किलों का सबब हो सकता है, इसलिए जदयू से इस्तीफा देना ही बेहतर रहेगा। परवेज सिद्दीकी ने जेडीयू पर अपने मूल सिद्धांतों को त्यागने और बिहार में बीजेपी की फासीवादी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए बिहार में बीजेपी को मजबूत करने का भी कड़ा विरोध जताया।