छत्तीसगढ़

CG – नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दबाव में मोदी सरकार जातिगत जनगणना कराने को हुई बाध्य – सुशील मौर्य

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दबाव में मोदी सरकार जातिगत जनगणना कराने को हुई बाध्य – सुशील मौर्य

बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ने जाती जनगणना मांग पूरी होने पर मनाया जश्न,मिठाई का किया वितरण…

आरएसएस,भाजपाई जिसे देश को बांटने की साज़िश बताते थे अब उसी विषय पर मोदी सरकार बाध्य हुई

जगदलपुर। आज संभाग मुख्यालय राजीव भवन में बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य के नेतृत्व में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं द्वारा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी के दबाव में मोदी सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने को लेकर राजीव भवन के समक्ष जश्न मनाते हुए आम जनता को मिठाई का वितरण किया गया…

शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जातिगत जनगणना करवाने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस नेता लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देश में जातिगत जनगणना के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, इसी के चलते मोदी सरकार बाध्य हुई है।

मोदी सरकार तो 2021 में होने वाली आम जनगणना को 4 साल से रोक रखा है, अंततः कांग्रेस के दबाव में जातिगत जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल करवाने को बाध्य हुई है। पिछले तीन दशकों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्ग के भी आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को शिक्षा और सार्वजनिक क्षेत्र में रोज़गार में आरक्षण दिया जा चुका है। पर अभी भी हमें यह ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है कि वो कौन-कौन सा समुदाय हैं जो आरक्षित वर्गों में आते हैं और उनकी जनसंख्या तथा असली हालात क्या हैं? सामाजिक न्याय को पूरी तरह से तभी स्थापित किया जा सकता है जब हमें इन समुदायों की जनसंख्या स्पष्ट रूप से पता हो। इसीलिए जाति की गिनती ज़रूरी है। जाति जनगणना का और एक फ़ायदा है कि यह आरक्षित समूहों के बीच आरक्षण के लाभों का समान वितरण करने में भी काम आयेगा।

मौर्य ने कहा कांग्रेस पार्टी और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और हम सबके नेता राहुल गांधी ने देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर लगातार संघर्ष किया। मोदी, शाह सहित आरएसएस और भाजपा के तमाम नेता हमारे जिस मांग को देश को बांटने की साज़िश बता रहे थे, जिस विषय में विपक्ष का उपहास उड़ाते थे, अब उसी विषय पर मोदी सरकार घुटनों पर आ गई है। हमने पहले भी कहा कि ओबीसी इस देश का सबसे बड़ा वर्ग है, बहुत अधिक विभिन्नताएं हैं, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तौर पर विभिन्नताएं हैं। जातिगत जनगणना किए बिना सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करना संभव ही नहीं है, सामाजिक न्याय के लिए यह अति आवश्यक कदम है।

कांग्रेस की यह मांग है कि केवल जातिगत जनगणना को आगामी आम जनगणना में शामिल करने की घोषणा मात्र से काम नहीं चलेगा, जातिगत जनगणना करवा के तत्काल आंकड़े जारी करें सरकार।जाति जनगणना के साथ-साथ हमें यह जानना भी आवश्यक है कि आर्थिक विकास का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा है -हमारा अनुभव ये रहा है कि विकास का फ़ायदा कोई और उठा रहा है और क़ीमत कोई और चुका रहा है।

देश के सभी संसाधनों के न्यायपूर्ण बंटवारे के लिए सर्वे करके यह पता लगाना ज़रूरी है कि देश के संसाधनों और शासन चलाने वाली संस्थाओं पर आखिर किसका क़ब्ज़ा है। इसीलिए जाति जनगणना के साथ-साथ देश की संपत्ति और सरकारी संस्थाओं का सर्वे करना भी आवश्यक है ताकि हम समय-समय पर नए आंकड़ों के आधार पर सुधार करते रहें और प्रभावी नीतियों का निर्माण कर सामाजिक और आर्थिक न्याय के सपने को साकार किया जा सके।

इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसजन,शहर कांग्रेस के पदाधिकारी, सेवादल, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई,महिला कांग्रेस के समस्त अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व समस्त पार्षदगण, कार्यकर्ता सहित समस्त मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे…

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