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Uttarakhand News: पूर्व सांसद और संत डॉ. रामविलास वेदांती का निधन, सीएम धामी ने अर्पित की श्रद्धांजलि, कहा- उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा….

उत्तराखंड: पूर्व सांसद और सुविख्यात संत डॉ. रामविलास वेदांती (वेदांती जी महाराज) का निधन हो गया है। उनके निधन से संत समाज और राजनीति जगत में शोक की लहर व्याप्त है। रामविलास वेदांती ने राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख संत के रूप में सालों तक संघर्ष किया। साथ ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दशकों तक तप, त्याग और संघर्ष का मार्ग चुना। इसी बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए अपूरणीय क्षति

सीएम धामी ने लिखा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले, पूर्व सांसद एवं पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज के साकेतगमन का समाचार प्राप्त हुआ। उनका निधन आध्यात्मिक चेतना, सामाजिक मूल्यों तथा सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। राष्ट्र, धर्म और समाज के प्रति उनका तपस्वी जीवन, दृढ़ संकल्प एवं अविचल साधना सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। इस दुःख की घड़ी में शोकसंतप्त शिष्यों, अनुयायियों एवं समस्त श्रद्धालुजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। विनम्र श्रद्धांजलि !

राम मंदिर आंदोलन में डॉ. वेदांती की अहम भूमिका

बता दें कि राम मंदिर आंदोलन में डॉ. रामविलास वेदांती की अहम भूमिका थी।बाबरी ढांचा विध्वंस केस में जिन नेताओं पर मुकदमा चला उनमें डॉ. वेदांती भी शामिल थे। 6 दिसंबर 1992 को सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार और डॉ. वेदांती सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।

फैसले से पहले राम विलास वेदान्‍ती ने कोर्ट में दर्ज कराए अपने बयान में कहा था कि हमने किसी मज्जिद को नहीं मंदिर के खण्‍डहर को (Dr. Ram Vilas Vedanti has passed away) तोड़ा था। वहां केवल और केवल मंदिर था जिसे राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। ‘हमको विश्वास है कि मंदिर था, मंदिर है और मंदिर रहेगा। हमने उस ढांचा को तुड़वाया, उस खंडहर को तुड़वाया, इसके लिए हमको गर्व है। हम रामलला के लिए जेल जाने और फांसी चढ़ने को भी तैयार हैं।

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