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Uttarakhand News- विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस : मुख्यमंत्री धामी ने कहा- मजहब की आड़ में भारत को दो हिस्सों में बांट दिया गया….

ऊधमसिंहनगर. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर काशीपुर, ऊधमसिंहनगर में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग कियात. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभाजन स्मृति स्मारक स्थल का शिलान्यास किया.

मुख्यमंत्री ने देश के विभाजन का दंश झेलने वालों को नमन करते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन हम कभी नहीं भूल सकते, जब मजहब की आड़ में भारत को दो हिस्सों में बांट दिया गया. उन्होंने कहा कि जहां एक ओर 15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजादी का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा था वहीं, उससे ठीक एक दिन पहले ही, देश को दो टुकड़ों में बांट दिया गया. उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों को विभाजन की विभिषिका से गुजरते हुए अपने घर, गांव, खेत-खलिहान, दुकान-व्यापार और अपनों से बिछड़कर शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर होना पड़ा. आज भी उन लोगों की आंखों में वो पीड़ा है, जिनके मां-बाप इतिहास के उस काले दौर में उन्हें छोड़ कर इस दुनिया से चले गए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के बदले किये गये उनके त्याग और बलिदान की भरपाई कर पाना असंभव है. उनके इस त्याग, बलिदान और पीड़ा के महत्त्व को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग और बलिदान को हमेशा याद रख सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत जैसे कड़े फैसले लिए गए. सीएए एवं वक्फ संशोधन कानून लागू करने तथा 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसे निर्णयों के माध्यम से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को भी साकार रूप प्रदान किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिये पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है. प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है. प्रदेश में सात हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है.

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