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Uttarakhand News: PRD स्थापना दिवस पर जवानों के लिए बड़ी सौगात : उपचार अवधि में भी ड्यूटी पर माने जाएंगे जवान, मिलेगा 6 महीने का मानदेय…..

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देहरादून स्थित युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल निदेशालय में प्रान्तीय रक्षक दल (PRD) के ‘स्थापना दिवस’ के अवसर पर रैतिक परेड का निरीक्षण किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पीआरडी जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति और दिवंगत पीआरडी स्वयंसेवकों के आश्रितों को सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए. मुख्यमंत्री ने पीआरडी जवानों के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना, ड्यूटी के दौरान चिकित्सालय में भर्ती होने की स्थिति में उपचार के दौरान ड्यूटी पर ही मानने और उन्हें अधिकतम 6 महीने का मानदेय देने और ग्राम अस्थल रायपुर में खेल मैदान के निर्माण की घोषणा की.

सीएम धामी ने कहा कि पीआरडी जवान, धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के साथ प्रदेश में सुरक्षा और जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. पीआरडी जवान प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने, सुरक्षा व्यवस्था, लिपिकीय कार्यों और विभिन्न विभागीय दायित्वों, प्राकृतिक आपदाओं में चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में कार्य कर प्रदेश की सेवा कर रहे हैं. चार धाम यात्रा के दौरान भी जवानों ने धैर्य, संवेदनशीलता और सजगता के साथ लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराने में सहयोग किया.

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने पीआरडी जवानों के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. राज्य गठन के समय पीआरडी जवानों को मात्र 65 रुपये प्रतिदिन भत्ता मिलता था. अब उसमें 10 गुना वृद्धि करते हुए उसे 650 रुपये प्रतिदिन किया गया है. पीआरडी जवानों के आश्रित बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है. राज्य सरकार ने मृत और घायल पीआरडी जवानों और उनके आश्रितों को 70 लाख रुपये से ज्यादा की सहायता राशि प्रदान की है.

मुख्यमंत्री ने कहा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त हुए पीआरडी जवानों को 18 लाख रुपये का एकमुश्त सेवा-भत्ता भी प्रदान किया है. साम्प्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को मिलने वाली राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रूपये किया गया है. पीआरडी जवान की अति- संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु होने पर देय राशि 75 हजार रुपये से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की है. सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने की दशा में मिलने वाली राशि को भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है. उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक दंगों और अति-संवेदनशील ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले स्वयंसेवकों के अंतिम संस्कार के लिए नई नियमावली में अलग से प्रावधान किया है. प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान के लिए भी संबंधित अधिकारी की संस्तुति पर अधिकतम 50 हजार रुपये तक की सहायता का प्रावधान भी पीआरडी जवानों के लिए किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जवानों की सेवा के प्रति निष्ठा और समर्पण का सम्मान करते हुए वर्ष 2023 में मृत और अपंग जवानों के आश्रितों को पीआरडी जवान के रूप में पंजीकृत करना प्रारंभ किया गया. जिसके बाद अब तक पंजीकृत 190 आश्रितों में से 133 आश्रितों को रोजगार भी प्रदान किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इस माह 149 पंजीकृत आश्रितों को विभागीय अर्द्ध सैन्य प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. जिससे वे अपने कौशल में वृद्धि कर सकेंगे और भविष्य में पीआरडी सेवा के विभिन्न दायित्वों को और अधिक दक्षता और तत्परता के साथ निभाने में सक्षम होंगे.

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