छत्तीसगढ़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मंगलवार कों छत्तीसगढ़ के कई शहरों में छात्रों से हुए रूबरू UCC पर खुल कर बोले इस विषय पर जताई चिंता पढ़े पूरी ख़बर

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को एनआईटी रायपुर, आईआईटी भिलाई, और आईआईएम रायपुर के छात्रों से ‘बेहतर भारत बनाने के विचार’ विषय पर बात की. इस दौरान उन्होंने देश के तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी.

धनखड़ ने कहा, अवैध प्रवास की समस्या अब अराजकता के रूप में सामने आ रही है. ये हमारे चुनावी तंत्र को प्रभावित कर सकता है. जनसंख्या विस्फोट और धर्म परिवर्तन की योजनाबद्ध कोशिशें गंभीर खतरे के रूप में उभर रही हैं. उन्होंने कहा कि यूसीसी को लागू किया जाना चाहिए. देश को गुणवत्ता वाले राजनीतिज्ञों की आवश्यकता है. जो लोग सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करते हैं, उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. आइए जानते हैं उपराष्ट्रपति ने देश के किस मु्द्दे पर क्या बात कही.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, हम इस देश में अवैध प्रवासन से पीड़ित हैं, जो लाखों की संख्या में है. अवैध प्रवासन अब एक नासूर बन चुका है. कोई भी देश लाखों अवैध प्रवासियों को सहन नहीं कर सकता. जब लोग छोटी-छोटी राजनीति में सोचते हैं तो हमें हमेशा राष्ट्र को पहले रखना चाहिए. देश में अवैध प्रवासी का कोई औचित्य नहीं हो सकता. ये हमारे संसाधनों, रोजगार, स्वास्थ्य क्षेत्र, और शिक्षा क्षेत्र पर दबाव डालते हैं. अवैध प्रवासियों की इस समस्या का समाधान में अब और देर नहीं की जा सकती. हर बीतता दिन इसे और जटिल बना रहा है. हमें इससे निपटने की जरूरत है.

देश को गुणवत्ता वाले राजनीतिज्ञों की जरूरत

एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, देश को गुणवत्ता वाले राजनीतिज्ञों की जरूरत है. हमारे युवाओं को इस बात को लेकर चिंतित होना चाहिए कि जब सार्वजनिक प्रतिनिधि अपना काम नहीं कर रहे. वो संवाद और विचार-विमर्श के बजाय उथल-पुथल में लिप्त हैं. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वो सोशल मीडिया और अन्य मंचों के माध्यम से जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं ताकि वो अपना कर्तव्य निभाएं.

जनसंख्या विस्फोट और योजनाबद्ध धर्मांतरण को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, देश के लिए जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर खतरे के रूप में उभर रहा है. अगर जनसंख्या विस्फोट केवल लोकतंत्र को अस्थिर करने के लिए हो तो यह एक चिंता का विषय बन जाता है. फिर धर्मांतरण की योजनाबद्ध कोशिशें होती हैं, जो प्रलोभन से देश की जनसंख्या को बदलने का उद्देश्य रखती हैं.

यूसीसी संविधान के निर्देशात्मक सिद्धांतों में है

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारे संविधान के निर्देशात्मक सिद्धांतों में है. शासन पर यह दायित्व डाला गया है कि कानून लाए, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करें. उत्तराखंड ने इसे लागू किया है. हम संविधान में लिखी किसी चीज का विरोध कैसे कर सकते हैं? जो हमारे संविधान का हिस्सा है? हमें अपने लोगों के लिए कुछ लक्ष्य भी समझने होंगे, जिसमें से एक है यूनिफॉर्म सिविल कोड.

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