NBL, 01/10/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: Why are some Indian Muslims protesting against the killing of Nasrullah, the head of Hezbollah, a terrorist organization of the foreign Muslim Shia community? Was that terrorist a guide of Indian Shia Muslims? पढ़े विस्तार से.... विदेशी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के मुखिया नसरुल्लाह की हत्या पर आंसू बहाने वाले भारतीय शिया मुसलमानों को क्या हो गया है, क्योंकि वह आतंकी मुसलमान है और शिया समुदाय से संबंध रखता है, इसीलिए भारत के शिया और सुन्नी मुसलमान उसका सम्मान करते हैं। जबकि आतंकवादी नसरुल्लाह अपने ही देश लेबनान के लाखों निर्दोष शिया और सुन्नी मुसलमानों का हत्यारा है, जो यहूदी देश इजराइल के साथ बेवजह उलझकर अपने ही लोगों का कत्लेआम करवा रहा थे, उन बेगुनाह मुसलमानों को बेघर कर दिया गया है और उनकी अच्छी-खासी जिंदगी को स्वार्थी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के मुखिया नसरुल्लाह ने नर्क बना दिया है।
और भारत के शिया मुसलमानों को उन मुसलमानों के प्रति हमदर्दी रखनी चाहिए जो इधर-उधर दर बदर भटक रहे हैं, उनके मदद के लिए आगे आना चाहिए और चंदा इकट्ठा करके भारत सरकार के माध्यम से उन असहाय लोगों के लिए अन्न व स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की व्यवस्था करवांने चाहिए। मानवतावादी बनकर और आतंकवादी सोच रखने वाले नसरुल्लाह जैसे नरसंहारी आतंकवादी व्यक्ति की कड़ी निंदा करनी चाहिए ताकि कई निर्दोष मुसलमानों की हत्याएं रोकी जा सकें। भारतीय शिया मुसलमानों को आतंकवादी को बढ़ावा देना भारत के लिए सही नही है।
आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के मुखिया नसरुल्लाह की हत्या पर भारत के मुसलमान जो दर्द व्यक्त कर रहे हैं, वह बिल्कुल भी मानवीय नहीं है, बल्कि आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रतीक है। इस घातक युद्ध में जो लोग बेवजह मारे जा रहे हैं, उनके लिए दर्द दिखाया जाना चाहिए। उन मुसलमानों के लिए दुख व्यक्त किया जाना चाहिए और यहूदी देश इजराइल की कड़ी निंदा की जानी चाहिए, क्योंकि उसने आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह का सफाया करने के लिए वहां निर्दोष मुसलमानों को मारा है। भारत में भी सभी धर्मों के लोग मानवीय संवेदनाओं के आधार पर इसकी निंदा करते हैं और हम भारतीय भी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह को दोषी मानते हैं जो यहूदी इजराइल के निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, हम उनकी भी निंदा करते हैं।
क्योंकि भारत युद्ध के पक्ष में बिल्कुल नहीं है। और ये सारे नरसंहार नसरुल्लाह जैसे आतंकवादी लोगों की वजह से हो रहे हैं, जिनकी मानसिकता मानवता के धर्म को चोट पहुंचाने की है। इसमें यहूदी देश इजराइल केवल अपने बचाव के लिए उन पर हमला कर रहा है और उन्हें उकसा रहा है। मुस्लिम देशों पर चारों तरफ से घिरे बैठे आतंकवादी संगठन, यह उनकी नापाक सोच है, वे यहूदी देश इजराइल को नष्ट करना चाहते हैं। यहूदी देश इजराइल खुद को इतनी आसानी से बर्बाद नहीं होने देगा इसीलिए वह इन आतंकवादियों को कड़ी टक्कर दे रहा है अब अगर यह आतंकवादी नसरुल्लाह मुसलमान है तो क्या भारत के मुसलमान उसका समर्थन करेंगे जो कि हम धर्मनिरपेक्ष भारतीयों के हित में नहीं है क्योंकि हम सभी भारतीय आतंकवादियों को बढ़ावा नहीं देते हम एक शांतिप्रिय देश भारत के नागरिक हैं।
विदेशी मुस्लिम देश लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरुल्लाह की हत्या को लेकर भारतीय शिया समुदाय मुसलमान यहूदी देश इजरायल के साथ सभी अच्छे संबंध खत्म करने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि भारत व्यापार क्षेत्र और आतंकवादी के विरोध में इजरायल के साथ है और जबकि उनके युद्ध में शामिल नहीं है। भारत सभी मुस्लिम खाड़ी देशों के साथ भी अच्छे संबंध रखते हैं। भारत के शिया मुसलमानों का यह दोहरा मापदंड स्थापित किया जाना ठीक नहीं है, यही भारत के मुसलमान बांगलादेश व पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओ के उपर हो रहे अत्याचार को लेकर एक भी शब्द नही बोलते वहाँ के मुसलमानों के क्रूरता को लेकर। जबकि वहाँ के हिंदू अमन शांति के साथ रहते हैं वहाँ के कोई भी हिंदू आतंकी सोच नही रखते नही कोई आतंकवादी है। जो वहाँ के मुसलमानों को चोट पहुँचाते जबकि वहाँ के मुसलमान उनको चोट पहुँचाते है तो भारत के मुसलमान क्यों नही बोलते नही कोई प्रोटेस्ट में शामिल होते है। जब भारत के लाखों हिंदुओ ने बांग्लादेश सरकार को लेकर निंदा की और प्रोटेस्ट किया तो भारत के एक भी मुसलमान सामने क्यों नहीं आया वहाँ की निंदा करने के लिए।
लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह प्रमुख नसरुल्लाह के हत्या को लेकर चिंता व्यक्त क्यों कर रहे हैं भारत के शिया मुसलमान भारत क्यों हस्तक्षेप करे, जबकि यहूदि देश इजराइल की निजी लड़ाई है, वे अपने बचाव के लिए जवाबी कार्रवाई करेंगे, क्या इजराइल भारत के कहने पर युद्ध लड़ना बंद कर देगा, यह उनकी निजी क्षमता है जो वह लड़ रहे हैं, हम भारतीय आतंकवादी संगठन के साथ क्यों खड़े हों और हम भारतीय उनके समर्थन में विरोध प्रदर्शन क्यों करे, क्या उस आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह का प्रमुख नोबेल शांति पुरस्कार विजेता है, क्या हम भारतीयों के लिए वह महापुरूष है उसके समर्थन में हमें क्यों खड़ा होना चाहिए वह खूनी आतंकवादी नसरुल्लाह है, जिसे दुनिया के कई देशों ने आतंकवादी घोषित किया है, भारत के शिया मुसलमान इस आतंकवादी को अपना मान क्यों रहे हैं और उनके पक्ष में नारे क्यों लगा रहे हैं कि हम हर घर में एक नसरुल्लाह पैदा करेंगे।
तो क्या भारत के हर घर के शिया मुसलमान आतंकवादी पैदा करेंगे और किसके लिए पैदा करेंगे। भारत सरकार और भारत की अदालतों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। और वह उन छोटे बच्चों से जो भी नारे लगवा रहे हैं, जिन भारतीय शिया समुदाय मुसलमान मासूम बच्चों को लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरुल्लाह के बारे में ठीक से पता भी नहीं है। उन छोटे बच्चों के भविष्य को खतरे में डालने की कोशिश करने वालों और विरोध प्रदर्शनों के नेता बनकर उन्हें भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर आप विरोध प्रदर्शनों के सभी वीडियो को ध्यान से देखेंगे और सुनेंगे तो ऐसा लगता है जैसे यह आतंकवादी नसरुल्लाह भारत में पैदा हुआ और भारत के मुसलमानों को लगता है कि भारत ने एक महान समाजसेवी मुस्लिम व्यक्ति को खो दिया है, यह सब क्या है? ये विदेशी आतंकवादी लेबनान के मुसलमान हैं, इनका भारत के मुसलमानों से कोई संबंध नहीं है, केवल भारत के मुसलमान ही उन्हें अपना मुस्लिम भाई मानकर उनका समर्थन कर रहे हैं, जबकि यह कानूनन अपराध है कि हम भारतीय मुसलमान आतंकवादी मुसलमानों का समर्थन कर रहे हैं। इनकी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जांच की जानी चाहिए कि क्या भारत के कुछ मुसलमानों का इन आतंकवादी संगठनों से कोई संबंध है जो खुलेआम कह रहे हैं कि हम मुसलमान हर घर में एक नसरुल्लाह पैदा करेंगे। जबकि नसरुल्लाह एक आतंकवादी है।