छत्तीसगढ़

CG – बिहान योजना से जुड़ी महिलाओं ने कार्यक्रम प्रबंधक पर लगाए गंभीर आरोप…. शिकायती जांच में पहुँची टीम पर संदेह आंदोलन की तैयारीपढ़े पूरी ख़बर

0 ग्रामीण आजीविका मिशन बना पाली जनपद में भ्रष्ट्राचार का मिशन:-

0 सुबह से शाम तक भूखी- प्यासी जनपद कार्यालय में बैठे रहीं योजना से जुड़ी सैकड़ो महिलाएं.

कोरबा/पाली//जिला कलेक्टर के अध्यक्षता वाले संचालित आजीविका मिशन जो भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित एक गरीबी उन्मूलन परियाजना है, जिसे बिहान योजना के नाम से जाना जाता है। इस योजना के संचालन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में निवासरत महिलाओं को रोजगार से जोड़कर सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना, स्व. सहायता समूहों को कौशल विकास उन्नयन का प्रशिक्षण देकर बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना है, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत बन सके। किन्तु सरकार का यह महत्त्वकांक्षी मिशन पाली जनपद में भ्रष्ट्राचार का मिशन बनकर रह गया है, जहां के विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक पर योजना से जुड़ी सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने फर्जीवाड़ा, मानसिक प्रताड़ना और दबावपूर्ण तरीके से कार्य कराने का आरोप लगा जिला प्रशासन से शिकायत कर हटाने की मांग की थी। जिस शिकायत की जांच में पहुँची टीम के रवैये पर भी उन्होंने सवाल उठाए है और मिलीभगत का आरोप लगाया है तथा आंदोलन की बात कही है।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन जैसी शासकीय क्रियान्वयन एजेंसी के जरिये सरकार की मंशा भले ही ग्रामीण भारत की तकदीर बदलने की हो। परन्तु सच्चाई यह है कि इस मिशन की जनकल्याणकारी बिहान योजना पाली विकासखण्ड में भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ जा रही है। इस विकासखण्ड अंतर्गत बिहान योजना से जुड़ी सैला, हरदीबाजार, पोड़ी कलस्टर की सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम प्रबंधक सत्यप्रकाश जायसवाल पर समूहों के पदाधिकारियों के पद का दुरुपयोग कर सामाग्री खरीदी में अपनी मनमर्जी से पैसों का आहरण कराकर फर्जीवाड़ा, कार्यकर्ताओं से अभद्र व्यवहार कर मानसिक प्रताड़ना और दबावपूर्ण तरीके से कार्य कराने व विरोध करने पर कार्य से निकालने की धमकी का आरोप लगा इसकी शिकायत कलेक्टर से कर उन्हें हटाने की मांग की थी। जिस शिकायती जांच के लिए जिला स्तरीय जांच समिति गठित कर बीते 21 जून शनिवार को 11 बजे उक्त शिकायत से जुड़ी महिलाओं को जनपद पंचायत कार्यालय उपस्थित होने कहा गया था। बिहान योजना से जुड़ी समूहों की सैकड़ो महिलाएं निर्धारित समय पर जनपद कार्यालय पहुँच तो गई, लेकिन जांच टीम दोपहर 2 बजे पाली पहुँची। टीम के समक्ष पीड़ित महिलाओं ने अपनी व्यथा बताई, जिसे कलमबद्ध कर जांच टीम वापस चली गई। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जनपद कार्यालय में भूखी- प्यासी बैठी रही महिलाओं ने बताया कि बिहान योजना के कार्यक्रम प्रबंधक सत्यप्रकाश जायसवाल द्वारा सामाग्री खरीदी के वास्तविक भुगतान का फर्जी दुगुना बिल फर्मो से तैयार कराकर लाखों का फर्जीवाड़ा करते आ रहा है एवं क्रेडरों एफएलसीआरपी, एफएनएचडब्ल्यू, आरबीके, जेएमटी, एडब्ल्यू, कृषि सखी, बैंक मित्र, पशु सखी सभी योजनाओं की महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया जाता है। साथ ही मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए दबावपूर्ण कार्य कराया जाता है। कुछ भी बोलने पर डांट- फटकार करते हुए कार्य से निकालने की धमकी दी जाती है। कार्यक्रम प्रबंधक के आचरण से हम सभी कार्यकर्ता भयभीत व असहज महसूस कर रही है। जिसकी शिकायत कलेक्टर से कर उन्हें हटाने की मांग की गई है। जिस शिकायत की जांच में पहुँची टीम द्वारा कई सवालों के अधूरे जवाब दिए गए तो कई सवालों के संदर्भ में जानकारियां छिपाने का प्रयास किया गया। समूह से जुड़ी महिलाओं ने आरोप लगाया है कि वे दिनभर भूखी प्यासी बैठी रहीं और जांच करने पहुँची टीम द्वारा दोषी को बचाने जांच के नाम पर महज खानापूर्ति किया तथा उन सभी का बयान लिखकर चलते बने। योजना से जुड़ी ग्राम दमिया की निवासी महिला दुर्गा कुसरो ने आपबीती बताया कि योजनांतर्गत वर्ष 2023 में उसने आजीविका हेतु 2 लाख की लोन ली थी, जिसका एक वर्ष तक नियमित किश्त 5 हजार प्रतिमाह देते आ रही थी। लेकिन एक दिन कार्यक्रम प्रबंधक ने जनपद कार्यालय बुलाया और अभद्र व्यवहार करते हुए फर्जी तरीके से लोन लेने की बात कहते हुए और जेल भेजने की धमकी देकर जल्द लोन जमा करने की बात कही। पीड़िता के अनुसार जिससे भयभीत हो उसने 50 हजार में खेत व 30 हजार में जेवर गिरवी रख और अपने पास रखे 20 हजार मिलाकर एक लाख की राशि बैंक में जमा की। अन्य महिलाओं ने बताया कि कार्यक्रम प्रबंधक के आचरण और क्रियाकलाप को लेकर दर्जनों महिलाएं बिहान योजना और समूह से हट गई है। अब सवाल यह उठता है कि पंचायतों में सैकड़ो महिलाएं स्व- सहायता समूह से जुड़ी है, जो बिहान योजना में अहम कड़ी बनकर मिले जवाबदेही को निभा रहीं है। जिस योजना के माध्यम से महिलाओं में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने सरकार की योजनाओं का यह हाल रहा तो ऐसे में महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त कैसे बनेगी? इस मामले में योजना के पदाधिकारी एवं पीड़ित महिलाओं ने कार्यक्रम प्रबंधक को नही हटाने पर आंदोलन की बात कही है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित बिहान योजना के पाली विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक एवं संकुल पदाधिकारी व लेखापाल सत्यप्रकाश जायसवाल संविदा पद पर कार्यरत है। जिनके द्वारा योजना संचालन में लंबे समय से गड़बड़झाले की बाते इससे जुड़ी महिलाएं कहते आ रही थी। कार्यक्रम प्रबंधक के कृत्यों को लेकर विरोध के स्वर मुखर नही होने से इनके हौसले बढ़ गए और महिलाओं के आजीविका के साधन तैयार कर आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सक्षम बनने के प्रयास में सेंध मारते आ रहे थे। लेकिन योजना के पीड़ित महिलाओं के सब्र का बांध आखिर फूट गया और उन्होंने शिकायत कलेक्टर से कर हटाने की मांग की। आरोप है कि जिस शिकायत की जांच में भी खानापूर्ति की गई है। बताया जाता है कि कार्यक्रम प्रबंधक अपने ऊंचे रसूख की बातें कर भ्रष्ट्र व मनमाने कृत्य में लिप्त है। जिसके रवैये से बिहान योजना से जुड़ी महिलाओं का मनोबल घटता जा रहा है। ऐसे में सरकार का यह महत्त्वकांक्षी योजना पाली विकासखण्ड में फ्लाप होता नजर आने लगा है।

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