8th Pay Commission: 8वां वेतन आयोग लागू होने पर 186% बढ़ जाएगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी,समझें पूरा कैलकुलेशन
भारत के एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारक के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी
8th Pay Commission: भारत के एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारक के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया। मंत्री ने यह भी बताया कि आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। 8वां वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हो जाएगी।
वेतन आयोग के अंतर्गत कौन आता है?
सातवें वेतन आयोग के अनुसार, केंद्रीय सरकारी कर्मचारी वे सभी लोग हैं जो केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में कार्यरत हैं और जिन्हें भारत की समेकित निधि से वेतन दिया जाता है, जो वह खाता है जिसमें सरकार अपना राजस्व एकत्र करती है।सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) और स्वायत्त निकायों के कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक 7वें वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते। इसका मतलब यह है कि कोल इंडिया में काम करने वाले लोग इसके दायरे में नहीं आएंगे। केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए हर दशक में एक बार वेतन आयोग का गठन किया जाता है। वेतन ढांचे को संशोधित करने के अलावा, प्रत्येक वेतन आयोग के पास एक संदर्भ अवधि (TOR) होती है, जो मोटे तौर पर उसके फोकस को परिभाषित करती है। वेतन आयोग पेंशन भुगतान भी तय करते हैं। 7वें वेतन आयोग की स्थापना 2016 में की गई थी और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा।
8वें वेतन आयोग के साथ फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की भी मांग
संयुक्त सलाहकार समिति की राष्ट्रीय परिषद ने सरकार से 8वें वेतन आयोग के साथ फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की भी मांग की है। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर की दर 2.57 थी, जिसे इस बार बढ़ाकर 2.86 करने की मांग की चल रही है। बता दें कि फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही सैलरी आयोग लागू किया जाता है और वेतन एवं पेंशन में इजाफा होता है।
देखें तो पाएंगे कि इसके लागू होने से पहले न्यूनतम बेसिक सैलरी (Basic Salary) सिर्फ 7 हजार रुपये थी। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 कर दिया गया। इसके बाद न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई। मतलब इससे पहले की 7 हजार रुपये की बेसिक सैलरी को 2.57 गुना करके 18 हजार कर दिया गया। अब अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 किया जाता है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी। इसका मतलब साफ है कि सैलरी में करीब 3 गुने का इजाफा हो सकता है।