CG – युक्तियुक्तकरण करना भाजपा सरकार की शिक्षा व रोजगार विरोधी कदम,अपनी नाकामी छुपाने व शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने रचा षड्यंत्र – सुशील मौर्य

युक्तियुक्तकरण करना भाजपा सरकार की शिक्षा व रोजगार विरोधी कदम,अपनी नाकामी छुपाने व शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने रचा षड्यंत्र – सुशील मौर्य
स्कूलों व शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के विरोध में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन,जगदलपुर बीईओ कार्यालय का किया घेराव…
10 हजार स्कूलों का बंद होना साय सरकार की सबसे बड़ी विफलता, रसोइया,चौकीदार,भृत्य जैसे पदों के साथ रोजगार के अवसर भी होंगे समाप्त – रेखचंद जैन. पूर्व विधायक
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर/ग्रामीण के संयुक्त नेतृत्व में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के द्वारा शिक्षा न्याय के तहत स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण करने के विरोध में प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ बीईओ कार्यालय का घेराव कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष व प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सुशील मौर्य ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने 45 हजार शिक्षकों की नई भर्ती का वादा किया था, और अब 10 हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने जा रही है सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों विशेषकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे जगहों पर स्कूलों की कमी होगी,यह सरकार झूठ बोल रही कि स्कूल बंद नहीं होंगे। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में 57000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। सरकार बनने के बाद 33000 शिक्षक भर्ती की घोषणा, इस वर्ष बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की बात की गई है अब 5000 शिक्षक भर्ती की घोषणा किये है, लेकिन यह शिक्षक भर्तियां नहीं करनी पड़े, इसलिये 45000 शिक्षक पद समाप्त किये जा रहे है। जब पद ही खाली नही रहेंगे तो भर्ती कहां से करेंगे? इसीलिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के जरिए शिक्षकों के पद ही समाप्त किए जा रहे हैं।इससे न सिर्फ शिक्षकों का भविष्य संकट में आ गया है, बल्कि बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।सरकार की इस नीति से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। एक तरफ सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूलों को खाली किया जा रहा है। यह दोहरी नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भाजपा की साय सरकार शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने षड्यंत्र रचा है।
वही भाजपा सरकार के नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षा का सेटअप घोषित किया गया है।प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षको के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है?मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? कुल मिलाकर भाजपा सरकार का युक्तियुक्तकरण करना शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है।कांग्रेस पार्टी सख्त चेतावनी देती है अगर सरकार ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से बंद नहीं किया, तो आने वाले समय में कांग्रेस कार्यकर्ता और शिक्षक मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे।
पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा प्रदेश की भाजपा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को पूरा चौपट कर दिया है। युक्तियुक्तकरण शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है।10 हजार स्कूलों के बंद होने से रसोईया, चौकीदार, भृत्य जैसे पद भी समाप्त होंगे हजारों लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे। 10 हजार स्कूल बंद होना प्रदेश की साय सरकार की सबसे विफलता है।जबकि शराब दुकान खुल रहा है और स्कूल बंद हो रहा है। सरकार नयी शिक्षक भर्ती करने के बजाए शराब दुकान को प्राथमिकता दे रही है इस सरकार में शिक्षा की गुणवत्ता पूरी तरह से कमजोर हो चुका है। जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है।
नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी शिक्षकों की नई भर्तियां न करनी पड़े इसलिए साय सरकार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है।साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा।इसके अतिरिक्त मध्यान भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी।स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला,स्व सहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो जाएगा।शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ना निश्चित है।इसके पहले भी रमन सरकार के समय भी 3000 स्कूलों को बंद किया गया था जिन्हे कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फिर शुरु किया गया।भाजपा सरकार ने इतना बड़ा अव्यवहारिक निर्णय लेने से पहले ना प्रभावित वर्ग से चर्चा की,न ही प्रदेश के भविष्य के बारे में सोचा।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ो शिक्षक रिटायर हो रहे हैं,कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है,राज्य मे भाजपा की सरकार बनने के बाद एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं हुई है।वहीं सरकार के अव्यवहारिक निर्णय युक्तियुक्तकरण से युवाओं के शिक्षक बनने का सपना भी टूट जायेगा।
इस प्रदर्शन के दौरान दिनेश यदु, उदयनाथ जेम्स,नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी, उपनेता कोमल सेना, पूर्व विधायक रेखचंद जैन, पूर्व महापौर जतिन जायसवाल, ब्लॉक अध्यक्ष राजेश राय, बलराम यादव, संतोष सेठिया, उपाध्यक्ष सेमीयल नाथ,महामंत्री जाहिद हुसैन, असीम सुता,सुषमा सुता दास, निकेत राज झा,महेश द्विवेदी,अंजना नाग,महिला कांग्रेस अध्यक्ष लता निषाद,युवा कांग्रेस अध्यक्ष अजय बिसाई, एनएसयूआई अध्यक्ष विशाल खंबारी, अल्पसंख्यक अध्यक्ष रोजवीन दास,लैखन बघेल,रविशंकर तिवारी,संजय पाणिग्रही, विक्रम सिंह डांगी,अनवर खान, हेमू उपाध्यय, हनुमान द्विवेदी, जिशान कुरैशी, सहदेव नाग,पार्षद सुशीला बघेल,अफरोज बेगम,गौतम पाणिग्रही, जस्टिन भवानी,इंदु बघेल, पंचराज सिंह,रंगा राव,अनुराग महतो,संदीप दास,आदित्य बिसेन, आकिब रजा, अरुण गुप्ता,एस नीला,सायमा अशरफ, ज्योति राव, मनोहर सेठिया, हेमन्त कश्यप, विजय ध्रुव, पंकज केवट,पूर्णिमा श्रील, विजेंद्र ठाकुर, सलीम जाफर अली, कर्तव्य आचार्य, कुणाल पटेल, हंसु नाग, एडविन मार्क, आदर्श नायक खेमराज सेठिया, दीपेश पांडे, खीरेंद्र यादव, समीर खान,शादाब अहमद आदि मौजूद रहे…