छत्तीसगढ़

CG News : छत्तीसगढ़ की बेटियों ने किया कमाल, चेंच भाजी से बनाया फॉरेंसिक पाउडर, इस जांच में होगा इस्तेमाल…..

रायपुर। छत्तीसगढ़ के महासमुंद की होनहार बेटियों मृणाल विदानी और ओजल भारद्वाज ने स्थानीय चेंच भाजी से ऐसा फॉरेंसिक पाउडर तैयार किया है, जो अपराध स्थल पर गुप्त फिंगरप्रिंट को स्पष्ट करने में मदद करेगा। यह पाउडर न केवल सुरक्षित है बल्कि बेहद किफायती भी है। हाल ही में भारत सरकार ने इस रिसर्च को मान्यता देते हुए कॉपीराइट सर्टिफिकेट प्रदान किया है।

दोनों छात्राओं की रिसर्च गाइड प्रो. डॉ. उमैमा अहमद ने प्रेरित किया कि वे ऐसी खोज करें जो छत्तीसगढ़ की पहचान से जुड़ी हो। पहले उन्होंने लाल भाजी पर काम करने की कोशिश की लेकिन गहरे रंग के कारण सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने आसानी से उपलब्ध और सस्ती चेंच भाजी पर रिसर्च की।

सिर्फ 250 ग्राम चेंच भाजी से 100 ग्राम फॉरेंसिक पाउडर तैयार किया गया, जिसकी लागत महज 70 रुपए आई। जबकि वर्तमान में प्रयोग होने वाले केमिकल पाउडर जैसे Rhodamine B, Aluminium, Mercury Chemicals से बने पाउडर की कीमत 8 से 16 हजार रुपए तक होती है।

फॉरेंसिक टेस्ट में मिली सफलता

दोनों छात्राओं ने 12 सैंपल तैयार किए और उन्हें तीन कैटेगरी – Porous, Non-Porous और Semi-Porous Surfaces पर टेस्ट किया।

Porous Surface – दीवार, लकड़ी, टेबल
Non-Porous Surface – स्टील, गिलास, कप, मोबाइल स्क्रीन
Semi-Porous Surface – कॉपी पन्ने, नोटबुक, लिफाफा

हर सतह पर इस पाउडर ने गुप्त फिंगरप्रिंट और चोट के निशान को साफ करने में सफलता हासिल की।

पाउडर तैयार करने के लिए चेंच भाजी के पत्तों को सीधे धूप में सुखाने की बजाय विशेष शेड तकनीक से 15 दिन तक छांव में रखा गया। इसके बाद पत्थर से पीसकर और कपड़े से छानकर इसे नैनो पार्टिकल साइज पाउडर बनाया गया। यही इसकी खासियत है, क्योंकि यह पाउडर सुरक्षित फोरेंसिक सामग्री होने के साथ ही साक्ष्यों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं करता।

पाउडर तैयार करने के लिए चेंच भाजी के पत्तों को सीधे धूप में सुखाने की बजाय विशेष शेड तकनीक से 15 दिन तक छांव में रखा गया। इसके बाद पत्थर से पीसकर और कपड़े से छानकर इसे नैनो पार्टिकल साइज पाउडर बनाया गया। यही इसकी खासियत है, क्योंकि यह पाउडर सुरक्षित फोरेंसिक सामग्री होने के साथ ही साक्ष्यों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं करता।

कौन हैं मृणाल और ओजल ?

मृणाल विदानी – ऑल इंडिया फॉरेंसिक साइंस एंट्रेंस टेस्ट में 14वां स्थान (AIR 14) हासिल किया। वर्तमान में डीएनए और नार्को विषयों के साथ मास्टर्स की पढ़ाई कर रही हैं।
ओजल भारद्वाज – महासमुंद की रहने वाली, साइंस की छात्रा। 2023 में AIFSET Exam पास करके फॉरेंसिक साइंस बैचलर कोर्स में दाखिला लिया।
दोनों ही छात्राएं इस समय विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जयपुर (Vivekananda Global University, Jaipur) में अध्ययनरत हैं।

क्या है चेंच भाजी ?

चेंच भाजी एक पारंपरिक व स्वास्थ्यवर्धक पत्तेदार सब्जी है। इसे आमतौर पर जूट की भाजी (Jute Leaf Vegetable) भी कहा जाता है। यह दो प्रकार की होती है – लाल और सफेद। छत्तीसगढ़ के खेतों और बाड़ी में यह आसानी से उपलब्ध हो जाती है और अब यह अपराध की गुत्थियां सुलझाने में भी मददगार साबित होगी।

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