सिहावा शीतला शक्ति पीठ में ज्योत ज्वारा विसर्जन, शोभायात्रा में झूमते रहे देव विग्रह…
नगरी सिहावा…शारदीय नवरात्रि के अवसर पर सिहावा स्थित शीतला शक्ति पीठ में परंपरानुसार ज्योत ज्वारा विसर्जन किया गया। महा नवमी की प्रातः श्रद्धालुओं ने सरोवर स्नान कर शोभायात्रा प्रारंभ की। यह यात्रा शीतला तालाब तक पहुँची, जहाँ माता की ज्योत ज्वारा का विधिविधान से विसर्जन किया गया…
विसर्जन शोभायात्रा के दौरान ऋषि पंचमी सेवा मंडली, गणेश घाट सिहावा द्वारा माता सेवा गीत गाए गए। साथ ही गढ़ की देवी-देवताओं के डांग-बाना लिये हुए स्वरूप भी झूमते नज़र आए। माता तालाब में विसर्जन उपरांत श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया…
नवमी पर माता का विशेष श्रृंगार कर पूजा-अर्चना की गई। भोग अर्पित करने के बाद भंडारा प्रारंभ हुआ, जिसका आयोजन बेलरगांव निवासी गोल्डी चोपड़ा व उनके परिवार द्वारा किया गया…
समिति अध्यक्ष कैलाश पवार ने नवरात्रि पर्व पर मिले सहयोग के लिए सभी का आभार जताया। आयोजन में प्रमुख संचालक कलम सिंह पवार, महासचिव नेम सिंह बिशेन, सह सचिव नरेंद्र नाग, नारद निषाद, बुधेस्वर साहू, कोषाध्यक्ष गेंदलाल यादव,तुकाराम साहू, ,पुजारी ज्ञान सागर पटेल,तुका सिंह बेश,बलदेव निषाद,राजकुमार निषाद,दीपक तंवर,छबि ठाकुर, संजय सारथीं,रामलाल नेताम,प्रवीण गुप्ता,गगन नाहटा,भरत निर्मलकर,महेंद्र कौशल,कुँवर साहू,मंशा राम गौर,जग्गू साहू,,नरेश पटेल ,महेश साहू,लाल जी साहू,संतोष पवार,ललित निर्मलकर,सुभाष यादव,महेंद्र साहू ,अभय नेताम , ख़िरभान शाण्डिल्य,नवल साहू,दिनेश पटेल,बैजनाथ पटेल,बाल सिंह शोरी,मंशा गौर,तुलसी कुंजाम,सुंदरियां साहू,चरणबति नेताम,मेहत्तर गौर, बुध्दू सोम, सुमेरु शांडिल्य,पुरन बिसेन, राम प्रसाद नेताम, कमलेश निषाद, हेमलाल ध्रुव, चंद्रभान निषाद, रोहित साहू, बिष्णु साहू, चैन सिंह मरकाम, शंकर पटेल,चंदन देवांगन, शशिकला शांडिल्य,देवन्तीन श्रीमाली,रीना बिसेन,परमीला साहू,नंदबाई पटेल खेमिन यादव,गायत्री पटेल,गोमती निषाद,नोहर साहू,अभिलाषा शाण्डिल्य, बिन्दा मरकाम सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं व श्रद्धालुओं की भूमिका रही…
एकादशी पर होगा सहस्त्रबाहु रावण वध…
सिहावा गढ़ के छिपली पारा में दशहरा की एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यहाँ सामान्य रावण दहन नहीं होता, बल्कि सहस्त्रबाहु रावण का वध किया जाता है। इसके लिए मिट्टी का नग्न पुतला तैयार किया जाता है, जिसका वध एकादशी के दिन मां शीतला के खड्ग से प्रमुख पुजारी द्वारा किया जाता है…
इस प्राचीन परंपरा में महिलाओं का प्रवेश वर्जित माना जाता है। यह परंपरा सिहावा गढ़ की धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत का विशेष हिस्सा मानी जाती है।