छत्तीसगढ़

CG – धुमा और मानिकपुर रोड़ में गढ्ढा चक्काजाम पीडब्लूडी का आश्वासन रोड़ बनाने प्रदर्शन का इंतजार क्यों सरकार की छवि नहीं हो रहीं धूमिल क्या फेरबदल की आवश्यकता? पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सड़कों की खस्ताहाल को लेकर लगातार ग्रामीण आक्रोशित हो रहे हैं कभी नेताओं का काफिला रोक रहे हैं तो कभी जिलाधीश के पास शिकायत कर रहे हैं तो कभी चक्का जाम करने को मजबूर हो रहे हैं पहले मस्तूरी विधानसभा के कई गांव में रोड की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने शिकायत की चक्का जाम करने का प्लान भी बनाएं पर किसी तरह प्रशासनिक अधिकारीयों ने उनको समझा बूझाकर मामला शांत कराया और जल्द से जल्द खस्ता हाल पड़े रोड की मरम्मत कार्य का आश्वासन दिया इसके बाद बिल्हा ब्लॉक से ग्राम धुमा और मानिकपुर के ग्रामीणों ने 6 अक्टूबर दिन सोमवार यानी आज नेशनल हाईवे 200 को जाम कर दिया इनकी भी शिकायत पीडब्ल्यूडी विभाग से है यह भी अपने क्षेत्र के अपने गांव के आसपास के रोड की खस्ताहाल को लेकर परेशान है बार-बार अधिकारियों को इससे अवगत कराने के बाद भी ना ही रोड की मरम्मत हो रही है और ना ही उनकी रोड़ की समस्या दूर हो रही है जिसके कारण वह भी आज रोड पर चक्का जाम करने के लिए बाध्य हो गए हालांकि किसी तरह उच्च अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझा बूझकर मामला शांत कराया और आश्वासन दिया है कि आज से ही मानिकपुर और धूमा से लगे रोड में गढ्ढा भरने का काम शुरू किया जाएगा।

लगातार क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?

बिलासपुर जिले में अभी फिलहाल मस्तूरी और बिल्हा दोनों विधानसभा से रोड की समस्या सामने आई हैँ जहां ग्रामीण या तो चक्का जाम कर रहे हैं या चक्का जाम करने की योजना बना रहे हैं कहीं योजना फेल हो जा रही है कहीं ग्रामीण रोड पर चक्का जाम कर दे रहे हैं आखिर लोगों को इतना मजबूर क्यों होना पड़ रहा है क्या इससे राज्य सरकार की साख़ और लोगों के बीच सरकार के ऊपर से विश्वास नहीं उठेगा लगातार लोग उच्च अधिकारियों को अपनी रोड की समस्याओं से अवगत करा रहे हैं बावजूद इसके उच्च अधिकारी इस पर चक्का जाम होने या प्रदर्शन करने के पहले क्यों ध्यान नहीं देते और क्यों बार-बार लोगों को रोड जाम करना पड़ रहा और क्यों चक्का जाम करने के बाद ही उनकी मांग को मानी जा रही है क्या यह सब कुछ रोड की शिकायत मिलने के बाद चक्का जाम होने के पहले नहीं सुलझा सकते ऐसे आंदोलन से गांव की रोड की खस्ताहाल से किसी को नुकसान हो या ना हो पर राज्य सरकार को इसका भारी नुकसान हो सकता है लोगों का विश्वास छत्तीसगढ़ सरकार से टूट सकता है इन सभी बातों का ध्यान विभाग के अधिकारियों को भी रखना चाहिए जिनको सब कुछ पता होने के बाद भी यह इंतजार करते रहते हैं चक्का जाम का शिकायत और प्रदर्शन का जब पानी सर के ऊपर बहने लगता है तब यह गहरी नींद से जागते हैं और जल्द से जल्द सुधार कार्य करने की आश्वासन देते हैं क्या अब समय आ गया है की बिलासपुर जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग में बैठे उच्च अधिकारियों को बदला जाए और सरकार की धूमिल होती छवि को बचाया जाए क्या बिलासपुर में भी बड़े प्रशासनिक फेरबदल की जरूरत है सवाल बड़ा है पर देखना होगा राज्य सरकार लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर क्या बड़ा कदम उठाती है और लोगों की समस्या कब तक दूर होती हैँ।

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