छत्तीसगढ़

पंडरिया विधायक भावना बोहरा के प्रयासों से वनांचल में निवासरत आदिवासी परिवार के 115 लोगों को घर वापसी से मिली नई उम्मीद।

पंडरिया/पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में निवासरत आदिवासी परिवारों के सामाजिक एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में विधायक भावना बोहरा के प्रयास निरंतर जारी हैं। इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप आज पंडरिया विधानसभा के वनांचल क्षेत्र में निवासरत 115 आदिवासी भाई-बहनों ने घर वापसी कर अपने मूल धर्म में प्रवेश किया।

शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला,ग्राम नेऊर में आयोजित जनजाति गौरव सम्मान एवं अभिनंदन समारोह में विधायक भावना बोहरा ने स्वयं उनके पैर पखारकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर ग्राम नेऊर, अमनिया, अमलीटोला, महिडबरा, खैरहापारा, कांदावानी, डफरपानी, दमगढ़ (लडूटोला), सारपानी, दमगढ़ (मौहापानी) और बिरहुलडीह जैसे क्षेत्रों के जनजाति परिवारों ने अपनी सांस्कृतिक जड़ों से पुनः जुड़ने का संकल्प लिया।

विधायक बोहरा ने कहा

आदिवासी समाज भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर के संवाहक हैं। उनकी प्रकृति पूजा,लोक देवताओं की आराधना और सामुदायिक जीवन हमारी सभ्यता की आत्मा है। घर वापसी सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय अस्मिता की रक्षा का संकल्प है।
उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार आदिवासी समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जन-मन योजना, पीएम आवास, सड़क, पानी, बिजली जैसी योजनाओं के माध्यम से वनांचल क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएँ पहुंचाई जा रही हैं। पंडरिया विधानसभा में अब तक 3000 से अधिक पीएम आवास,100 किलोमीटर से अधिक पक्की सड़कें और पेयजल व विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

भावना बोहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी द्वारा प्रदेश को नक्सलमुक्त, आत्मनिर्भर और आदिवासी गौरव की दिशा में अग्रसर करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने नवा रायपुर में देश के पहले डिजिटल शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय के लोकार्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आदिवासी नायकों के शौर्य और बलिदान को सहेजने की ऐतिहासिक पहल है।

कार्यक्रम में समाजसेवी हरीश लुनिया एवं भाजपा जिला अध्यक्ष राजेन्द्र चंद्रवंशी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, जनजाति समाज के वरिष्ठजन,भाजपा के पदाधिकारी,मोर्चा एवं प्रकोष्ठ के सदस्य,नगर पालिका,नगर पंचायत जनप्रतिनिधि,पंचायत जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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