छत्तीसगढ़

CG – छत्तीसगढ़ राज्य का बजट बस्तर अंचल के लिए निराशाजनक – तरुणा साबे, आम आदमी पार्टी

छत्तीसगढ़ राज्य का बजट बस्तर अंचल के लिए निराशाजनक – तरुणा साबे

पुरे बजट मे बस्तर की समस्याओं को अनदेखा किया गया है, आदिवाशियों के लिए कुछ भी नहीं – तरुणा साबे

महिला सुरक्षा और बढ़ते अपराध को लेकर कोई विज़न नहीं – तरुणा साबे

जगदलपुर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव, प्रवक्ता व राष्ट्रीय परिषद की सदस्य तरुणा साबे ने आज छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ वासियों को सिर्फ छलावा और झूठे वादे देने के अलावा कुछ नहीं किया।

पेट्रोल सिर्फ 1 रूपये सस्ता किया गया जबकि 5 रूपये तक सस्ता करना था। युवाओं के बेरोजगारी भत्ता, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है। मोदी की गारंटी में किये गये वादे,1 लाख नौकरी और महिलाओं के लिए 500 रू.में सिलेंडर देने के बारे में बजट में कुछ नहीं कहा गया।

तरुणा ने कहा कि इस बजट में प्रदेश के आदिवासी समाज के लिए बजट में कुछ नहीं है। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के लिए, बजट में कुछ भी नया नहीं है। मजदूरों और गरीबों की आमदनी बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है। प्रदेश के वित्त मंत्री ने राज्य के वनोपजो पर आधारित उद्योगों, वनोपजो उत्पादों की खरीदी पर कोई बात नहीं की गयी।

आगे तरुणा ने कहा की छत्तीसगढ़ राज्य का वित्तीय बजट 2025-26 में बस्तर अंचल को लेकर विभिन्न मुद्दों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बस्तर का बजट क्षेत्रीय विकास के हिसाब से निराशाजनक माना जा रहा है। राज्य सरकार ने इस बजट में बस्तर क्षेत्र की बुनियादी जरूरतों और विकास के लिए कई अहम पहलुओं पर कोई ठोस योजनाएं नहीं पेश की हैं, जो क्षेत्रवासियों के लिए निराशाजनक साबित हो रही हैं।

बजट के कुछ अहम बिंदु निम्नलिखित हैं :

साफ़ पीने के पानी की व्यवस्था का अभाव: बस्तर अंचल के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में साफ़ पीने के पानी की व्यवस्था के लिए इस बजट में कोई ठोस योजना नहीं दी गई है। यह क्षेत्र पानी की भारी कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार ने इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया है।

अस्पतालों में स्टाफ की कमी और दवाओं की आपूर्ति की समस्या: बस्तर क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की कमी और जरूरी चिकित्सा उपकरणों की अभाव की समस्या बनी हुई है। इसके साथ ही दवाओं की आपूर्ति की स्थिति भी असंतोषजनक है, लेकिन इस बजट में इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

स्थानीय रोजगार के लिए फंड का अभाव: बस्तर में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए इस बजट में कोई विशेष फंड नहीं रखा गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई स्थायी नीति या योजना लागू करने के लिए तैयार नहीं है।

पंचायत स्तर पर शिक्षा का सुधार नहीं: बस्तर क्षेत्र में पंचायत स्तर पर शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए बजट में कोई ठोस योजना नहीं प्रस्तुत की गई है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के बिना यह क्षेत्र उन्नति के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता।

पर्यटन के लिए 10 करोड़ का फंड: बस्तर के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केवल 10 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है, जो बस्तर के विशाल पर्यटन संभावनाओं के हिसाब से नगण्य है। साथ ही, इस फंड का इस्तेमाल किस प्रकार किया जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है। यह सब महज एक दिखावा सा प्रतीत हो रहा है, और स्थानीय लोगों के लिए इस बजट से कोई फायदा नहीं होने की संभावना है।

ब्लॉक मुख्यालयों को सिटी बस सेवा से जोड़ने की योजना का अभाव: बस्तर में स्थित प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय को सिटी बस सेवा से जोड़ने के लिए बजट में कोई चर्चा नहीं की गई है। परिवहन की सुविधाएं बेहतर न होने के कारण लोगों को बस्तर क्षेत्र में आने-जाने में परेशानी होती है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

इंद्रावती नदी के संरक्षण की कोई योजना नहीं :

बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी के संरक्षण के लिए बजट में कोई विशेष योजना नहीं दी गई है। इस नदी की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, और यदि समय रहते इसका संरक्षण नहीं किया गया, तो यह क्षेत्रीय पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

केशकाल घाट पर टनल निर्माण और रेल सेवा की कोई चर्चा नहीं: केशकाल घाट के विकास के लिए इस बजट में टनल निर्माण और रेल सेवा की कोई योजना नहीं है, जबकि यह क्षेत्र से गुजरने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। इस रास्ते की सुगमता से क्षेत्रीय यातायात में सुधार हो सकता था, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है।

नगरनार स्टील प्लांट के विकास पर कोई विचार नहीं: बस्तर में स्थित नगरनार स्टील प्लांट के विकास हेतु कोई ठोस योजना या बजट नहीं रखा गया है। यह प्लांट बस्तर के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इस बजट में इसके विस्तार और औद्योगिक विकास के लिए कोई दिशा नहीं दिखाई देती है।

अपराध नियंत्रण के लिए कोई विशेष फंड नहीं: बस्तर क्षेत्र में अपराध नियंत्रण एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन इस बजट में अपराध नियंत्रण के लिए कोई विशेष फंड नहीं रखा गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस महत्वपूर्ण समस्या पर गंभीर नहीं है और इसे नजरअंदाज कर रही है।

निष्कर्ष :

बस्तर अंचल के लिए प्रस्तुत राज्य बजट से यह स्पष्ट होता है कि बस्तर की बुनियादी जरूरतों, विकास और संरक्षण के मामलों में सरकार की प्राथमिकता बहुत कम रही है। इससे स्थानीय लोगों में निराशा और असंतोष का माहौल पैदा हो सकता है। अगर सरकार बस्तर की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेगी, तो यह क्षेत्र लंबे समय तक पिछड़े रहेंगे।

प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण/स्थायीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, न्यून मानदेय कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिए जाने, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने, आउट सोर्सिंग/ठेका/सेवा प्रदाता/समूह-समिति के माध्यम से नियोजन सिस्टम बंद करने के सम्बन्ध में बजट 2025 में किसी प्रकार के प्रावधान नहीं है।

राज्य सरकार के बजट में व्यापारियों के लिए और ज्यादा कर में राहत, व्यापार अनुदान देना चाहिए था लेकिन इस बजट से सिर्फ व्यापारियों को निराशा ही हाथ लगी है। निश्चित ही इस बजट से प्रदेश की जनता को निराशा ही हाथ लगी है।

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