CG – रोजगार सहायक के कारनामे:एक ही आवास को अलग-अलग हितग्राही का बता फर्जीवाड़ा मजदूरी की राशि भी गायब जिला सीईओ से हुई शिकायत पढ़े पूरी ख़बर
कोरबा//जिले के पाली जनपद अंतर्गत एक पंचायत में पीएम आवास निर्माण को लेकर रोजगार सहायक के गजब कारनामे सामने आया है, जिसमे एक आवास को दो अलग- अलग लाभार्थी के नाम पर जियो टैकिंग कर एक आवास की राशि बिना निर्माण निकाल बंदरबांट कर ली गई। वही एक अन्य हितग्राही के मनरेगा मजदूरी राशि ही डकार ली। जिसकी लिखित शिकायत जिला सीईओ से कर रोजगार सहायक पर उचित कार्रवाई और मनरेगा मद की राशि दिलाने फरियाद लगाई गई है।
मामला ग्राम पंचायत कोरबी का है, जहां के रोजगार सहायक भाव सिंह पाटले ने एक आवास को दो हितग्राहियों का बताकर फर्जीवाड़ा किया है। दरअसल यहां धनसिंह पिता मयाराम एवं नारायण पिता धनसिंह दोनों के नाम पर प्रधानमंत्री आवास आवंटित हुआ और नियमानुसार आवास निर्माण के प्रथम किश्त की राशि जारी हुई। तब रोजगार सहायक भावसिंह द्वारा उक्त दोनों हितग्राहियों के नाम पर एक ही आवास का निर्माण प्रारंभ कराया गया और जिसके दो अलग- अलग जियो टैग कर पोर्टल पर अपडेट करते हुए मिलीभगत से दो आवास निर्माण की पूरी राशि आहरण करा ली गई तथा एक आवास के 1.20 लाख की राशि का बंदरबांट कर लिया गया। जबकि मौके पर एक ही आवास का निर्माण हुआ तथा एक अन्य आवास का अस्तित्व धरातल पर आया ही नही, जिसके जांच की अपेक्षा ग्रामीणों ने प्रशासन से की है। वहीं एक अन्य मामले में लाल सिंह कंवर के नाम पर आवास आवंटित हुआ था। जिस आवास का निर्माण हितग्राही की पत्नी रामेश्वरी कंवर ने पूर्ण करायी और निर्माण के तीन किश्त की राशि भी उसे मिल गई। किन्तु मनरेगा मद से मिलने वाली मजदूरी की राशि उसे नही मिली। मनरेगा मजदूरी राशि की मांग करने पर रोजगार सहायक द्वारा गोलमोल जवाब देते हुए घुमाया जा रहा था। रामेश्वरी कंवर के अनुसार यह राशि किसी अन्य व्यक्ति के खाते में जारी कराकर आहरण कर लिया गया। जिसकी शिकायत उसने जनपद पंचायत कार्यालय में की थी। जिसके जांच में अधिकारी पहुँचे और मजदूरी राशि मिलने का आश्वासन देकर वापस लौट गए। फिर भी हितग्राही को मनरेगा मद की राशि नही मिली। रोजगार सहायक भाव सिंह के पास जाने पर तुम शिकायत करने कहीं भी जाओ, जो भी करना हो करो तुम्हारा पैसा नही मिलेगा कहकर धमकाया गया। जिसकी लिखित शिकायत रामेश्वरी कंवर ने बीते 21 जुलाई को जिला सीईओ से कर रोजगार सहायक पर उचित कार्रवाई कर मनरेगा मजदूरी राशि दिलाए जाने फरियाद की है। जिस मामले पर कार्रवाई हेतु जनपद सीईओ को निर्देशित किया गया है। रोजगार सहायक के इस फर्जीवाड़े ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कार्यान्वयन पर सवालिया निशान लगा दिए है तथा इस वित्तीय अनियमितता में कहीं न कहीं संबंधित ब्लाक समन्वयक की भी संलिप्तता का संदेह जताया जा रहा है। बहरहाल इस तरह के कारनामे को अंजाम देकर योजना के पारदर्शिता व शासन की छवि पर बट्टा लगाने वालों पर जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।