छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ में तब्दील,मानवता की सारे हदे पार, बलरामपुर की घटना आत्महत्या नही हत्या है - सुशील मौर्य
प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे, गृहमंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाये
प्रदेश में लगे राष्ट्रपति शासन,पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी थाना प्रभारी पर हो एफआईआर,दर्ज करें हत्या का मामला
बलरामपुर घटना की वर्तमान उच्च न्यायालय जज की निगरानी में हो जांच,मृतक के परिवाजन को मिले संविदा नौकरी व 1करोड़ मुआवजा राशि - मानसिंह बघेल
जगदलपुर : आज छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज जी के निर्देशानुसार बस्तर जिला कॉंग्रेस कमेटी शहर/ग्रामीण द्वारा दरभा ब्लॉक के ग्राम पंचायत कामानार में बलरामपुर में पुलिस प्रताड़ना से पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत व प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ शहर जिलाध्यक्ष सुशील मौर्य की उपस्थिति में दरभा ब्लॉक के कॉंग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया।
बस्तर जिला कॉंग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने धरना प्रदर्शन के दौरान सभा को सम्बोधित करते हुए कहा,बलरामपुर में पुलिस की कस्टडी में एक युवक गुरूचरण मंडल की मौत हो गयी। पुलिस का दावा है कि मृतक गुरूचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई है।जबकि सारे तथ्य बताते है बलरामपुर में युवक गुरुचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है।
मृतक जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी।गुरुचरण मंडल को उसके पिता के साथ उसकी पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था।मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने 4 दिनों से उसे तथा उसके पिता को थाने बुलाया था तथा 4 दिनों से उसे थाने में हिरासत में रखा था।मृतक के पिता ने बताया पिछले 20 दिनों से मेरी बहू लापता है और में अपने बेटे के साथ तीन दिनों से हिरासत में हूं।
पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा। बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया।जबकि किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरुचरण मंडल, उनके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया ? 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया ?मृतक के पास टॉवल (तौलिया) कहां से आया जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं थी ?मृतक के शरीर का पंचनाम परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया?मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे, पुलिस जलाना क्यों बाहती थी, हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया।मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दिया गया ?
दरभा ब्लॉक अध्यक्ष मानसिंह बघेल ने कहा कॉंग्रेस पार्टी की मांग है कि बलरामपुर मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराया जाये।इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी तथा टीआई की भूमिका संदिग्ध है, उन सबके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये।मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बना कर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाये।मृतक के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाये साथ ही प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे, गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये।
राज्य में रोज-रोज घट रही घटनायें यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है तथा आपराधिक घटनायें रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसी नकारी और निक्कमी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये।जब जनता अपने जान-माल की सुरक्षा तथा अपराधियों और आपराधिक घटनाओं के विरोध में खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य के हालात अराजक हो जाये तब ऐसी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये।बलरामपुर में महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। सरकार की अर्कमण्यता का नतीजा है जनता को अब पुलिस और सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है।
जनता सरकार की क्षमता और पुलिस की दुर्भावनापूर्वक कार्यवाहियों के खिलाफ विद्रोह पर उतर आई है।पुलिस की अक्षमता और सरकार के अनिर्णय के कारण बलौदाबाजार में एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया, सूरजपुर में अपराधी के घर पर हमला करने गयी भीड़ ने एसडीएम को पीटने के लिये दौड़ा दिया, उनको भागकर जान बचानी पड़ी। कवर्धा में पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता ने एक व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया।सीतापुर में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ अपराधी पर कार्यवाही की मांग को लेकर जनता ने 24 घंटे चक्का जाम कर दिया था तब जाकर पुलिस ने कार्यवाही किया।और अब बलरामपुर जल रहा है।
यह सारी घटनायें बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है।सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है। सरकार बेपटरी हो चुकी है।4 एसपी और कलेक्टर, दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है?मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।
इस दौरान मानसिंह बघेल अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी दरभा,मुन्ना लाल कश्यप- जनपद सदस्य,तुला राम कश्यप-जनपद सदस्य,जयदेव नाग- पूर्व लेम्पस अध्यक्ष,बलिराम कश्यप,महादेव नाग.-पूर्व सांसद प्रतिनिधि,रविशंकर तीवारी,उस्मान रज़ा, बोनो मौर्य,जयराम नाग,राजू सोढ़ी, लाला कर्मा, मयतर नाग, हरि मरकाम, बलिराम कश्यप, कुदरुराम राम,सकाराम बघेल, भैरम,मंहगू कवासी, सोजरु, मोतीलाल कुंजाम, लालन नाग, जयदेव, सुरेश,गोविंद बघेल,सोकु मरकाम, मुन्नालाल, सकाराम, बलिराम, मुदोराम, हरचंद, पागु मौर्य, शंकर नाग, बलराम सोढ़ी, सुद्दु, शिवलाल मंडावी, चेतन्न नाग, रामनाथ बघेल,रामचन्द्र मौर्य, लक्ष्मण पोयाम आदि मौजूद रहे।