मसीही मानने वाले गांव रोतमा, गांव तारागांव, गांव बड़ान्जी, के लोगो के संवैधानिक अधिकारो के हनन पर कार्यवाही हेतू सैकड़ो कि संख्या में बस्तर पुलिस अधिक्षक से मील सौंपे ज्ञापन किए हमें भी जीवन जीने दो का अपील, अगर कार्यवाही नहीं तो नवंबर करूँगा महा आंदोलन प्रदर्शन,पर किसी भी हाल में संविधान से मिले अधिकारो के साथ खिलवाड़ नहीं - नरेन्द्र भवानी /छ. ग. यु. म.
जगदलपुर : मामले में छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेन्द्र भवानी नें बयान जारी कर कहा हैं कि 21 अक्टूबर को हमारा धरना प्रदर्शन जगदलपुर में रहा किन्तु किन्ही कारण वस यह प्रदर्शन स्थगीत करते हुवे आज ही सैकड़ो कि संख्या में जगदलपुर के मंडी प्रांगण में जमा होकर मसीही मानने वालें लोगो के संवैधानिक हक अधिकार पर हनन के विरुद्ध बस्तर पुलिस अधिक्षक जी से भेंट कर पीड़ितों के साथ ज्ञापन सौंप कार्यवाही कि किया मांग।
भवानी नें बताया हैं कि ग्राम पंचायत रोतमा में लगातार बैठक कर मसीही मानने वाले मूलनिवासी साथियों को धर्मआधार बना डराया धमकाया जा रहा हैं, उनके घरों में घुसकर मनमानी फरमान जारी किया जा रहा हैं, मारने पीटने तक आतुर हैं यह कैसा कृत्य समझ से परे देश में कानून व्यवस्था हैं कानून संविधान हैं जिसका पालन करना सभी वर्ग के लोगो का जिम्मेदारी हैं, ज्ञापन देकर कार्यवाही कि किया हूँ मांग।
वहीं भवानी नें बताया हैं ग्राम पंचायत तारा गांव में मसीही मानने वाले 7 सदस्यों का हुक्का पानी तक बंद कर दिया गया हैं 11 माह से उन्हें राशन पानी तक नहीं दिया जा रहा हैं जिसके विरुद्ध कार्यवाही हेतू पीड़ितों से मील सौंपा ज्ञापन मिला आश्वाशन।
भवानी नें कहा ग्राम पंचायत बड़ान्जी में जीस प्रकार सरपंच और उनके पति द्वारा मसीही लोगो के घरो में घुसकर धर्म को आधार बना मार पिट किये उनके फसलों काटकर जब्ती बनाए और फिर उसी दिन मार पिट करने का कार्य बेहद निंदनीय शर्मनाक गैर कानूनी कृत्य, मामले पर तत्काल कार्यवाही हेतू पीड़ितों के साथ बस्तर पुलिस अधिक्षक जी को सौंपा ज्ञापन किया जांच उपरान्त कार्यवाही कि मांग।
कुल मिलाकर भवानी नें कहा हैं भाजपा कि इस सरकार में लोग संविधान को पैर कि धूल और कानून पुलिस को अपना गुलाम समझ बैठें हैं जो इस प्रकार कृत्यो में शालिम हैं, मुझे लगता है ऐसे मामले में हमें संविधान कि रक्षा हेतू खड़ा होना पड़ेगा नहीं तो नियम कानून सब कुछ इन अत्याचार करने वालों के अनुसार बन जाएगा और संविधान को परीपालन कराने वाले अधिकारी केवल मुख दर्शक बन अपने चेम्बर में आराम फरमाएंगे जो किसी भी वर्ग हेतू ठीक नहीं इसी लिए आज हमने ज्ञापन देकर कार्यवाही कि मांग कि हैं, कार्यवाही नहीं कि स्थति में नवंबर माह बड़ा महाधरना प्रदर्शन किया जावेगा, पर अपना संवैधानिक अधिकार हम लेके रहेंगे इसे कोई नहीं छीन सकता हमसे।