बिहार सरकार ने बुधवार को यहां एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रत्येक खिलाड़ी को 10 लाख रुपये का पुरस्कार देने का फैसला किया।
भारत ने फाइनल में मौजूदा ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन को 1-0 से हराया। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ''टीम की प्रत्येक खिलाड़ी को टूर्नामेंट के दौरान राजगीर हॉकी स्टेडियम में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 10 लाख रुपये मिलेंगे।'' मुख्य कोच हरेंद्र सिंह और उनके सहयोगी स्टाफ को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा पुरस्कार दिया जाएगा।
इसके अलावा मुख्य कोच हरेंद्र सिंह को 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया जबकि बाकी सहयोगी स्टाफ को पांच-पांच लाख रुपये मिलेंगे।'' कई वर्षों के बाद बिहार में शीर्ष स्तरीय हॉकी मुकाबले खेले गए और भारतीय महिला टीम के सभी मैच खचाखच भरे स्टेडियम में हुए।
गोल्डन गर्ल' दीपिका के टूर्नामेंट में 11वें गोल की मदद से भारत ने ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन को 1 . 0 से हराकर महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी खिताब बरकरार रखा । पिछले साल रांची में और 2016 में सिंगापुर में यह खिताब जीत चुकी भारतीय टीम ने जबर्दस्त तालमेल और संयम का परिचय देते हुए चीन को हाशिये पर रखा ।
पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर दीपिका ने गोल करके खचाखच भरे बिहार खेल यूनिवर्सिटी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया । दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को लालरेम्सियामी ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया।
इस पर पहला शॉट चूक गया लेकिन गेंद सर्कल के भीतर ही थी और नवनीत की स्टिक से डिफ्लैक्ट होकर दीपिका के पास पहुंची जिसने शानदार फ्लिक से उसे गोल के भीतर डाला । भारत के पास तीसरे क्वार्टर में ही बढत दुगुनी करने का सुनहरा मौका था लेकिन 42वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर दीपिका का शॉट चीन की गोलकीपर ने दाहिनी ओर डाइव लगाकर बचा लिया ।
भारत को चौथे क्वार्टर में भी एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वैरिएशन का कोई नतीजा नहीं निकला । इससे पहले चीन ने शुरुआती मिनट से गेंद पर नियंत्रण के मामले दबदबा बनाये रखा । पहले हाफ में हालांकि भारतीय टीम आठ बार चीन के सर्कल में घुसी और चीनी टीम पांच बार ही हमले बोल सकी लेकिन उसने भारतीय खिलाड़ियों को गेंद आसानी से नहीं लेने दी ।
वहीं भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर फिनिशंग टच के लिये जूझते रहे । जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में 16 पेनल्टी कॉर्नर में से एक भी तब्दील नहीं कर सकी भारतीय टीम की कमजोरी फाइनल में पहले 30 मिनट में फिर देखने को मिली जब उसे मिले चार पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए । भारत के पास चौथे मिनट में गोल करने का मौका था जब सुनेलिटा टोप्पो दाहिने फ्लैंक से अकेले गेंद लेकर आगे बढ़ी।
भारत को चौथे क्वार्टर में भी एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वैरिएशन का कोई नतीजा नहीं निकला । इससे पहले चीन ने शुरुआती मिनट से गेंद पर नियंत्रण के मामले दबदबा बनाये रखा । पहले हाफ में हालांकि भारतीय टीम आठ बार चीन के सर्कल में घुसी और चीनी टीम पांच बार ही हमले बोल सकी लेकिन उसने भारतीय खिलाड़ियों को गेंद आसानी से नहीं लेने दी ।
वहीं भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर फिनिशंग टच के लिये जूझते रहे । जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में 16 पेनल्टी कॉर्नर में से एक भी तब्दील नहीं कर सकी भारतीय टीम की कमजोरी फाइनल में पहले 30 मिनट में फिर देखने को मिली जब उसे मिले चार पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए । भारत के पास चौथे मिनट में गोल करने का मौका था जब सुनेलिटा टोप्पो दाहिने फ्लैंक से अकेले गेंद लेकर आगे बढ़ी।