सन्त बाबा उमाकान्त ने मांसाहारी और शाकाहारी में कुदरती अंतर बता कर समझाया मांस, मनुष्य का भोजन नहीं है
करनाल (हरियाणा) : प्रकृति के नियमों को पूरा जानने समझाने वाले, सरल शब्दों में उसे समझा कर मनुष्य को कुदरत के नियम न तोड़ने की शिक्षा देने वाले, आगामी कुदरती कहर से बचाने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने प्रकृति द्वारा बनाये गए शाकाहारी और मांसाहारी जीवों की कुदरती अलग-अलग पहचान बता कर समझाया कि मांस मनुष्य का भोजन नहीं है। इसलिए कुदरत के नियमों को मत तोड़ो नहीं तो सजा दे देगी। उन्होंने कहा शाकाहारी बनो और बनाओ। आप भी सुनिए शाकाहारी और मांसाहारी जीवों में अंतर, स्वयं पूज्य महाराज जी के श्री मुख से।
स्क्रॉल :-
नौजवानों ! किसी के बहकावे में मत पड़ो। अपने थोड़े से फायदे के लिए देश और देश के लोगों का नुकसान करके कलंकित मत बनो।
पद, पैसा, परनारी से बचना चाहिए।
परमात्मा और सतगुरु में कोई अंतर नहीं।
परमात्मा ने दुनिया में जितनी भी चीजें आपके लिए बनाई है, उनका दुरुपयोग मत करो।
परमात्मा सत्य है और मौत सत्य है।