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टोसिस के बारे में जानते है डॉ सुमित्रा से…

टोसिस के बारे में जानते है डॉ सुमित्रा से।

डॉ सुमित्रा अग्रवाल
यूट्यूब आर्टिफीसियल आई को
कोलकाता

कोलकाता। टोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें ऊपरी पलक असामान्य रूप से नीचे झुक जाती है। यह एक या दोनों आंखों में हो सकता है और जन्मजात या उम्र के साथ विकसित हो सकता है।

क्या सर्जरी करानी चाहिए ?

सर्जरी की आवश्यकता इस बात पर निर्भर करती है कि टोसिस कितना गंभीर है और इससे आपकी दृष्टि या जीवन की गुणवत्ता पर कितना असर पड़ रहा है।

सर्जरी कब करानी चाहिए ?

दृष्टि में रुकावट :

अगर पलकें इतनी नीचे झुक गई हैं कि देखने में परेशानी हो रही है।

सिर झुकाकर देखने की आदत :

कुछ लोग सिर ऊपर उठाकर या आंखें चौड़ी करके देखने की कोशिश करते हैं, जिससे गर्दन या सिर में दर्द हो सकता है।

आंखों में थकावट या तनाव :

लगातार आँखों में भारीपन, थकावट या जलन महसूस हो रही हो।

सौंदर्य कारण :

अगर यह लुक या आत्मविश्वास को प्रभावित कर रहा है।

बच्चों में :

जन्मजात टोसिस में अगर दृष्टि का विकास प्रभावित हो रहा है, तो सर्जरी जरूरी हो सकती है।

❌ सर्जरी कब टाल सकते हैं ?

हल्का टोसिस : यदि दृष्टि पर असर नहीं हो रहा है।

स्वास्थ्य समस्याएं : यदि अन्य मेडिकल कंडीशन्स के कारण सर्जरी का रिस्क हो।

अस्थायी टोसिस : अगर यह दवा, थकान, या अन्य अस्थायी कारणों से हुआ है।

⚙️ टोसिस सर्जरी के विकल्प

लेवेटर मसल रिपेयर :

पलक को उठाने वाली मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है।

फ्रंटालिस सस्पेंशन :

माथे की मांसपेशियों की मदद से पलक को सहारा दिया जाता है, खासकर तब जब मसल्स बहुत कमजोर हों।

नॉन-सर्जिकल विकल्प (हल्के मामलों में) :

टोसिस क्रच : चश्मे में विशेष सपोर्ट।

सर्जरी के जोखिम
संक्रमण या सूजन।
असमान पलकों का आकार।
पलक का ज्यादा उठ जाना या कम उठना।
आंखों का सूखापन।

काफी बार सर्जरी के कुछ समय बढ़ वापस से पलके झुक जाती है। सर्जिकल फेलियर टोसिस में एक आम बात है।

डॉक्टर से सलाह कब लें ?

अगर पलकें दिन-ब-दिन ज्यादा झुकती जा रही हैं।
दृष्टि में समस्या आ रही है।

आंखों में असामान्य लक्षण दिख रहे हैं।

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