CG ब्रेकिंग : पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के करीबी वांटेड ठग गिरफ्तार, 500 करोड़ के प्रोजेक्ट का दिया था झांसा, दस माह बाद पुलिस ने धर दबोचा…..

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी रहे केके श्रीवास्तव को रायपुर पुलिस की टीम ने भोपाल के होटल से गिरफ्तार कर लिया है। केके श्रीवास्तव पिछले 10 माह से करोड़ों की ठगी के आरोप में फरार था। केके श्रीवास्तव के खिलाफ रायपुर के तेलीबांधा थाने में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड में 500 करोड रुपए का ठेका दिलवाने का झांसा दे 15 करोड़ रुपए वसूलने और धोखाधड़ी करने पर केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। तब से केके और उनका बेटा फरार है। उनकी जमानत हाईकोर्ट से भी खारिज हो चुकी है। अब दस माह बाद केके श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या है मामला
केके पिछली सरकार में काफी प्रभावशाली रहे हैं। इसका लाभ उठाते हुए स्मार्ट सिटी में ठेका दिलाने के नाम पर दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ रुपए ठग लिए। उन्हें काम नहीं दिलाया और न ही रकम लौटाई। उल्टा कंपनी के मालिक को जान से मारने की धमकियां दी जा रही थी। इसकी शिकायत पर पखवाड़े भर पहले तेलीबांधा थाना में केके और उनके बेटे के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था।
बिलासपुर निवासी केके श्रीवास्तव व्यापारी होने के अलावा तांत्रिक भी थे। उनसे प्रदेश के बड़े नेता तंत्र अनुष्ठान भी करवाते थे। दिल्ली के रावत एसोसिएट्स के मालिक अर्जुन रावत ने केके श्रीवास्तव और उनके बेटे पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। दर्ज एफआईआर के अनुसार उनकी कंपनी हाईवे कंस्ट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और सरकारी बिल्डिंग का निर्माण करती है। केके श्रीवास्तव ने उन्हें स्मार्ट सिटी लिमिटेड रायपुर में 500 करोड़ रुपए का ठेका दिलवाने का झांसा दे 15 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में ले लिए थे। उसकी मुलाकात वर्ष 2023 में आध्यात्मिक गुरु प्रमोद कृष्णन के माध्यम से केके श्रीवास्तव से हुई थी। केके श्रीवास्तव ने उन्हें सरकार में ऊंची पहुंच बताई और सरकारी ठेका दिलवाले का झांसा दिया।
एफआईआर के अनुसार प्रदेश के सबसे बड़े नेता से केके श्रीवास्तव ने रावत एसोसिएट्स के मालिक से मुलाकात करवाई थी। जिस पर प्रदेश के सबसे बड़े नेता ने कहा था केके श्रीवास्तव अच्छे व्यक्ति हैं और ये जो बोलेंगे वो करते है। विभिन्न खातों में 15 करोड रुपए देने के बाद भी जब ठेके हासिल नहीं हुए तब रावत एसोसिएट के मालिक ने अपने रुपए वापस मांगे पर केके ने पैसे नहीं लौटाए। पैसों के बदले जो चेक दिया वह भी बाउंस हो गया। जिस पर तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई।
एफआईआर दर्ज होते ही केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन फरार हो गए। पहले जिला न्यायालय फिर हाईकोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो गई। दूसरी तरफ पुलिस को जांच में जिन खातों में केके ने रकम ली थी उसके ट्रांजैक्शन चेक करने पर पता चला कि जोमैटो, स्विगी में काम करने वाले लड़कों के नाम से ही करोड़ों रुपए ट्रांजैक्शन किए गए हैं। तत्कालीन एसएसपी संतोष सिंह ने केके श्रीवास्तव को भगोड़ा घोषित करते हुए उसे पर इनाम भी घोषित किया था। इसके अलावा ईडी को भी जांच के लिए पत्र लिखा गया था।
ईडी ने भी जांच के बाद 50 करोड रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केके श्रीवास्तव के खिलाफ दर्ज किया है। ईडी भी केके की तलाश में थी। इसके अलावा मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भी केके श्रीवास्तव के खिलाफ जांच कर रही है। केके की गिरफ्तारी के लिए रायपुर पुलिस के साथ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम भी भोपाल गई थी। भोपाल के एमराल्ड होटल से केके श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद उन्हें रायपुर लेकर टीम निकल गई है।