CG – बीईओ गिरफ्तार BREAKING : ACB ने की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत लेते रंगेहाथों प्राचार्य, बीईओ, बाबू, शिक्षक को किया गिरफ्तार, मचा हड़कंप, जानिए पूरा मामला…..
रायपुर। छत्तीसगढ़ एसीबी ने शिक्षा विभाग में पदस्थ प्राचार्य, बीईओ, बाबू व शिक्षक पर बड़ी कार्रवाई की है। रिश्वत लेते इन सभी को एसीबी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
दरअसल, पीड़ित ईश्वर लाल भारती, सरकंडा बिलासपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि उनकी शासकीय माध्यमिक शाला जरहागांव मुंगेली से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति उपरांत जीपीएफ पेंशन व ग्रेच्यूटी राशि का बिल निकालने के एवज में डीडीओ सह प्राचार्य, शा.उ.मा.वि. पदमपुर, मुंगेली मालिक राम मेहर एवं बाबू हनी शर्मा के द्वारा 20,000 रुपए की मांग की गई थी।
पीड़ित द्वारा राशि देने के बाद भी बिल के एवज में 10,000 रूपये और रिश्वत की मांग की जा रही थी। पीड़ित परेशान हो गया और रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन दौरान मोलभाव कर 8,000 रूपये में सहमति हुई। ट्रेप आयोजित कर आरोपी मालिक राम मेहर एवं हनी शर्मा को 8,000 रू. रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।
जशपुर स्थानांतरित सहायक शिक्षक से रिश्वत लेते जिला सरगुजा के बीईओ, बाबू, शिक्षक गिरफ्तार
इसी तरह शिकायतकर्ता चमर साय पैकरा, सहायक शिक्षक, शा.क.पू.मा.शा. बागबहार जिला-जशपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, अंबिकापुर में शिकायत की कि वह शा.क.पू.मा.शा. बोदा बतौली में पूर्व में पदस्थ था। जहां से स्थानांतरण पश्चात् बागबहार जशपुर से वेतन आहरण हेतु एल.पी.सी. (अंतिम वेतन प्रमाण पत्र) एवं सेवा पुस्तिका देने के एवज में कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी सीतापुर, जिला-सरगुजा के बीईओ मिथिलेश सिंह सेंगर एवं सहायक ग्रेड-2 राजकुमार प्रसाद द्वारा 15000 रूपये रिश्वत की मांग की जा रही है।
प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से मिथिलेश सिंह सेंगर, राजकुमार प्रसाद एवं उनके सहयोगी अनुराग बरई, सहायक शिक्षक प्रा.शा. धरमपुर को 15000 रू. रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा गया। तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।