CG – युवक का शव दफनाने को लेकर हंगामा, दो पक्षों में तनाव, गांव में नहीं करने दिया अंतिम संस्कार, फिर जो परिजनों ने किया उड़ गए सब के होश……

भानुप्रतापपुर। कांकेर जिले के कोड़ेकुर्सी थाना क्षेत्र में एक धर्मांतरित व्यक्ति के शव दफनाने को लेकर गांव में विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की सीमा में किसी भी धर्मांतरित व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे। पुलिस ने ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया, लेकिन गांव वाले नहीं माने। इसके बाद परिजन शव को थाने में छोड़ दिए हैं। थाने के बाहर ईसाई समुदाय और आदिवासी समाज के लोग मौजूद हैं। मौके पर तनाव का माहौल है। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पूरा मामला ग्राम कोड़ेकुर्सी का है।
जानकारी के मुताबिक, कोड़ेकुर्सी निवासी मनीष निषाद की 4 नवंबर की शाम बीमारी के चलते मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजन उसे अपने गृह ग्राम कोड़ेकुर्सी लेकर आए, जहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रारंभ की गई तो ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया और शव को दफनाने नहीं दिया। मृतक के परिजन शव दफनाने को लेकर पुलिस के पास पहुंचे। फिर पुलिस ने ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया लेकिन नहीं माने। इसके बाद मृतकों के परिजन और ईसाई समुदाय के लोगों ने शव को कोड़ेकुर्सी थाने में ही छोड़ दिया है।
पुलिस ने शव को कुड़ेकुर्सी अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया है। आज बड़ी संख्या में मसीह समाज के लोग कोड़ेकुर्सी थाना पहुंचे। सुबह 11 से दोपहर लगभग 2 बजे तक मसीह समाज के लोग थाना के सामने खड़े रहे। इस बीच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश श्रीमाल और मसीह समाज के लोगों के बीच बातचीत चली परंतु बात बेनतीजा रही। एसडीएम भानुप्रतापपुर ने भी समझाने का प्रयास किया, परंतु मसीह समाज के प्रतिनिधि जिद पर अड़े रहे कि उन्हें अंतिम संस्कार इसी गांव में ही करना है नहीं तो शव पुलिस थाने में ही रहेगा।
दोनों समाज अपनी जिद पर अड़े, अब तक नहीं हो पाया कोई निर्णय
शव कोड़ेकुर्सी में ही पुलिस की कस्टडी में है। थाने के बाहर बड़ी संख्या में मसीही समाज एवं आदिवासी समाज के लोग मौजूद हैं। किसी भी विवाद की स्थिति को टालने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। हालांकि प्रशासन ने कहा है कि चारामा के मसीह समाज के कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार करवा देंगे परंतु मसीह समाज के लोग मानने को तैयार नहीं है। वहीं दूसरी ओर आदिवासी एवं सनातन धर्म के लोग भी थाने के बाहर खड़े हैं और गांव में अंतिम संस्कार नहीं करने देने की बात पर अड़े हुए हैं। स्थिति तनाव में है और अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा गया है।



