NBL, 07/10/2024, Lokeshwar verma Raipur CG: Just like there are many species of trees and plants on the earth, similarly there are many religions and castes in India, now some of these are like parasitic plants, which are hollowing out the human society. पढ़े विस्तार से....
धरती की खूबसूरती इन पेड़-पौधों की वजह से है, लेकिन कुछ पेड़-पौधे धरती की खूबसूरती को बिगाड़ भी देते हैं। इसी तरह इस भारत भूमि पर अनेक धर्मों और जातियों के लोग मौजूद हैं और जिस तरह अनेक पेड़-पौधों का अलग-अलग मान-सम्मान, गुण-अवगुण होते हैं, ठीक वैसा ही अनेकों धर्मों और जातियों के लोग होते है। जिस तरह कुछ लताएं परजीवी होती हैं और दूसरे पेड़ों पर निर्भर होती हैं और उनकी ताकत को अपनी ताकत बनाकर वो परजीवी पौधे उनकी ताकत को कमजोर कर देते हैं, उसी तरह अनेक धर्मों और जातियों के लोग परजीवी लता पौधों की तरह अपने आसपास के लोगों को कमजोर करने में लगे रहते हैं और ऐसे लोग अपनी जन्मभूमि को भी कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अपने देश से गद्दारी करने का उन्हें जरा सा भी पछतावा नहीं होता। उन्हें अपनी ताकत बढ़ाने से मतलब होती है।अब ऐसे परजीवी धर्म गुरुओं, बाबाओं, समाजसेवियों, शुभचिंतकों और राजनेताओं का दिमाग सीएम योगी आदित्यनाथ के एक शब्द से हिल गया है कि हम न बंटेंगे, न कटेंगे, हम एक रहेंगे और सदाचारी रहेंगे। अगर देश के सनातनी हिंदुओं में एकता होगी तो क्या पीडीए की राजनीति करने वाले नेताओं की राजनीति खतरे में पड़ जाएगी? नेता इन शब्दों का जवाब ढूंढ रहे हैं, पूरी डिक्शनरी छान मार ली है, लेकिन इन विपक्षी दलों के नेताओं को सीएम योगी जी के इन सवालों का जवाब नहीं मिल पा रहा है। और सीएम योगी जी के शब्द भारत के सनातनी हिंदुओं पर तेजी से असर कर रहे हैं। हम एक रहेंगे और सदाचारी रहेंगे, हम न बंटेंगे, न कटेंगे। ये शब्द देश और दुनिया में तेजी से फैल रहे हैं।और यही शब्द ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने कहे थे, कि दुनिया के मुसलमानों को एक हो जाना चाहिए और पूरी एकता के साथ यहूदी देश इजरायल को नष्ट कर देना चाहिएइन शब्दों से प्रभावित होकर सीएम योगी आदित्यनाथ देश और दुनिया के सनातनी हिंदुओं में एक ऊर्जा पैदा कर दी है। जिससे परजीवी लोग इनके शब्दों से परेशान हैं और भाईचारे की गुहार लगा रहे हैं। वे भारत की धर्मनिरपेक्षता की विशेषता बता रहे हैं, जैसे इस धरती पर कई तरह के पेड़-पौधे हैं, भारत उन पेड़-पौधों जैसे कई धर्मों से धन्य है, लेकिन एक परजीवी पौधा भी होते है जो एक मजबूत पेड़ को भी कमजोर कर देता है, उसी तरह भारत में कुछ परजीवी लोग रहते हैं जो सदियों से भारत को कमजोर करते आ रहे हैं, इन परजीवी पौधों का खंडन करना बहुत जरूरी है।
भारत के मुसलमानों के साथ-साथ अगर आप दुनिया के सभी मुस्लिम गुरुओं, मौलवियों, मौलाओं के धार्मिक भाषणों को सुनें या उनके धार्मिक भाषणों के वीडियो देखें या फिर मुस्लिम राजनीतिक नेताओं के भाषणों को सुनें, तो वे अपने धर्म और समाज के लोगों में ऊर्जा भर देते हैं। वे इतने अच्छे सामाजिक एकता के भाषण देते हैं, जो उनके धर्म और समाज के लोगों को एकजुट करते हैं। एकता की शक्ति को एकता की ताकत के रूप में देखा जाता है और उनकी एकता की इस शक्ति को दुनिया के अन्य धर्मों के लोग कट्टरता के रूप में देखते हैं, जबकि यह उनके सभी लोगों की ताकत है जो एकजुट होकर यह सबूत देते हैं कि हम सभी मुसलमान एक हैं और हमें विभाजित करने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है और इसी के बल पर मुसलमानों ने दुनिया में जीत हासिल की है यह बात बिलकुल सत्य है एकता में ही शक्ति है।
और यही एकता का पाठ सीएम योगी आदित्यनाथ भारत के सनातनी हिंदुओं को पढ़ा रहे हैं और यह बात बिलकुल सत्य है जैसे लकड़ी की एक डंडी को कोई भी तोड़ सकता है और अगर बहुत सारी डंडियों को आपस में जोड़ दिया जाए तो उन्हें तोड़ना बहुत मुश्किल होता है उसी तरह हम भारतीय सनातनी हिंदू जाति के बंधन से मुक्त होकर एक हो गए हैं अगर ये सब सनातनी हिंदू के रूप में एक साथ जुड़ जाएं तो हम हिंदुओं को बांटना मुश्किल हो जाएगा और हमारे सनातनी धर्म का भी विस्तार होगा और इससे भारत मजबूत होगा क्योंकि हमारा सनातनी धर्म हिंदू और मुसलमानों के धार्मिक गुणों से अलग है इस सनातनी हिंदू धर्म के लोगों की एकता से दुनिया में हिंदुओं का विस्तार होगा और भाईचारा भी बढ़ेगा देश और दुनिया में दूसरे धर्म के लोग जो आज तक हिंदुओं को बांटकर उनके प्रभुत्व को कम आंकते थे उन्हें हिंदुओं की एकता की ताकत नजर आने लगेगी।सनातनी हिंदू नेता पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ, यह दोनों सनातनी हिंदू दुनिया के बड़े देशों के प्रमुख नेताओं से मित्रता कर सकते हैं और भारत को सम्मान दिला सकते हैं, तो कल्पना करें कि यदि भारत के सभी सनातनी हिंदू धर्म के लोग एकजुट हो जाएं और एकता से अपना परिचय दें, तो कल्पना करें कि दुनिया के देशों में सनातनी हिंदू धर्म का सम्मान कितना बढ़ जाएगा क्योंकि सनातनी हिंदू धर्म के लोग आक्रामक नहीं होते हैं, वे सभी धर्मों के लोगों को अपना हिस्सा मानते हैं, सनातनी हिंदू धर्म के लोग मानवीय व्यवहार में उदार रवैया रखते हैं, सनातनी हिंदू धर्म के लोग विश्व की मानव जाति को अपना परिवार मानते हैं। सनातनी हिंदू धर्म में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है, न ही सनातनी हिंदू धर्म के लोग ऐसा बनने की कोशिश करते हैं।
जो बिना वजह दूसरों को दर्द और पीड़ा पहुंचाते हैं, जब हम आत्मा के रूप में जीवात्मा का निर्माण नहीं कर सकते हैं, तो हमें उसे नष्ट करने का अधिकार नहीं है, सनातनी हिंदू धर्म के लोग सोचते हैं कि सनातनी हिंदू धर्म में कई ऐसे गुण हैं जो विश्व की मानव जाति के लिए लाभकारी हैं। यदि भारत में ऐसी सनातनी हिन्दू एकता मजबूत हो जाए तो समझ लीजिए कि विश्व के लोग सनातन धर्म से प्रभावित होंगे और सनातन धर्म के विस्तार में सहयोग करेंगे क्योंकि सनातन धर्म से ही शांति संभव है और परजीवी पौधों की तरह परजीवी लोगों का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा जो आज इन सनातनी हिन्दू धर्म संस्कृति के लोगों के बल पर ताकत हासिल कर रहे थे।
पीएम नरेंद्र मोदी की राष्ट्रवादी बातों पर उनके विपक्षी नेता हंसते थे। जब 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वहां थे और उन्होंने हमारे भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को अमेरिका आमंत्रित किया और एक आमसभा आयोजित करके अपनी मित्रता दिखाई और दोस्ती के लिए अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा लगाया और पीएम मोदी कहा तो दुनिया भर के लोग हंसने लगे और खासकर भारत के राजनीतिक नेता जो पीएम नरेंद्र मोदी के विरोधी हैं, क्योंकि अमेरिका के इतिहास में यह दूसरी बार है कि कोई पूर्व राष्ट्रपति फिर से अमेरिका का वर्तमान राष्ट्रपति बनेगा। 35 साल बाद डोनाल्ड ट्रंप। यह उनके राष्ट्रवादी होने का ही नतीजा है कि ट्रंप को फिर से मौका मिला। अमेरिका की जनता ने उन्हें पुनः राष्ट्रपति की गद्दी दी है और राष्ट्रवाद के नाम पर पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत की गद्दी पर बैठे हैं। राष्ट्रवादी होने की वजह से अमेरिका और भारत के रिश्ते बेहतर स्थिति में बने रहेंगे अब ट्रंप जीत गए हैं तो अब बांग्लादेश की धड़कनें बढ़ गई होंगी। आज सनातनी हिंदुओं के पक्ष में बोलना मतलब उनके लिए जीत हासिल करना है और इसका ताजा उदाहरण 2024 अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी हैं।