CG – पंचतत्व में विलीन हुए STF जवान, 3 साल की मासूम बेटी ने दी मुखाग्नि, हर आंखों से छलके आंसू…..
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बालोद। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराने में जवानों को जहां सफलता हाथ लगी है, वहीं इस मुठभेड़ में दो जवानों की शहादत भी हुई है। मुठभेड़ के दौरान शहीद STF जवान वसीत कुमार रावटे का आज उनके गृहग्राम फागुनदहा में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान 3 साल की मासूम बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी, जिससे वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। इससे पहले जवानों ने शहीद वसीत कुमार रावटे को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
बता दें कि शहीद जवान वसीत कुमार रावटे का शव हेलीकॉप्टर से तांदुला मैदान में लाया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उनके दाह संस्कार के लिए उनका शव उनके गृहग्राम फागुनदहा लाया गया। जैसे ही गांव में उनके शहीद होने की खबर पहुंची, गांव में मातम छा गया। गांव का लगभग हर व्यक्ति इस वीर जवान को अंतिम विदाई देने के लिए मौजूद था। जब उनकी मासूम बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी, तो हर आंख नम हो गई। यह क्षण बेहद भावुक कर देने वाला था, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया। जब पुलिस अधिकारियों ने जवान के पार्थिव शरीर से लिपटा तिरंगा उनकी पत्नी को सौंपा, तब वह उसे लिपटकर रो पड़ीं।
शहीद वसीत रावटे बालोद जिले के आदिवासी विकासखंड डौंडी के ग्राम फागुनदहा के निवासी थे। उनकी स्कूली शिक्षा घोठिया गांव में हुई। बचपन से ही सेना में जाने और देश सेवा करने का सपना था। परिवार ने उन्हें दूसरी नौकरी करने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने फौज में जाने का निश्चय किया। साल 2016 में उन्होंने जॉइन की और लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात रहे।
शहीद जवान वसीत रावटे की शादी 2019 में हुई थी और उनकी दो बेटियां हैं, जिसमें से एक की उम्र डेढ़ साल और दूसरी तीन साल की है। वसीत रावटे की पत्नी उनके माता-पिता और बच्चों के साथ गांव में ही रहती हैं।
शहीद के बड़े भाई उत्तम कुमार रावटे ने कहा, “मेरा छोटा भाई हमेशा से देश सेवा करना चाहता था। जब परिवार ने उसे दूसरी नौकरी करने को कहा, तो उसने कहा कि उसे सिर्फ फौज में जाना है। आज वह देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। हमें अपने छोटे भाई पर गर्व है।”