Sports – भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा एक दिवसीय मुकाबला आज सीरीज बचाने उतरेंगे मेहमान पढ़े पूरी ख़बर
खेल डेस्क//भारतीय टीम शुभमन गिल की कप्तानी में गुरुवार कों ऑस्ट्रेलिया से दूसरे एक दिवसीय मुकाबलें में टीम के लिए ‘सब या कुछ नहीं’ जैसा होगा। पहले वनडे में आस्ट्रेलिया से मिली सात विकेट की हार ने टीम की कमजोरियों को उजागर कर दिया, खासकर बल्लेबाजी में
विशेषतौर पर कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज विराट कोहली पर, जिनसे प्रशसंक एक बार फिर बड़ी पारियों की उम्मीद कर रहे हैं। पहले वनडे में वर्षा और रुकावटों ने भारत की बल्लेबाजी लय तोड़ी और टीम केवल 136 रन पर सिमट गई।
गेंदबाजों के पास बचाव के लिए कुछ खास था नहीं, जिससे मोहम्मद सिराज और अक्षर पटेल जैसे गेंदबाजों की मेहनत बेअसर रही। आस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में बल्लेबाजों के लिए हालात आसान नहीं होंगे।
मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड एक बार फिर नई गेंद से अनिश्चितता के गलियारे में गेंदबाजी करते नजर आएंगे।
एडिलेड की पिच पर उछाल और हल्का मूवमेंट बल्लेबाजों की परीक्षा लेगा। इस बीच, आस्ट्रेलियाई टीम ने भी कुछ बदलाव किए हैं। पहले मैच के हीरो बाएं हाथ के स्पिनर मैट कुहेनमैन को रिलीज किया गया है और अनुभवी लेग स्पिनर एडम जांपा वापसी कर रहे हैं। विकेटकीपर एलेक्स कैरी भी टीम से जुड़ गए हैं, जो शील्ड क्रिकेट खेल रहे थे।
गंभीर के साथ रोहित का लंबा नेट सेशन
रोहित शर्मा के ऊपर इस वक्त जबरदस्त दबाव है। यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी बेंच पर इंतजार कर रहे हैं, और पूर्व कप्तान को हर हाल में प्रदर्शन से जवाब देना होगा। बुधवार को रोहित एडिलेड ओवल के अभ्यास सत्र में टीम के अन्य खिलाडि़यों से करीब 45 मिनट पहले पहुंचे। नेट्स पर केवल हेड कोच गौतम गंभीर मौजूद थे, उनके साथ थे थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट दयानंद गरानी और राघवेंद्र।
आलराउंडर समीकरण और संतुलन की तलाश
हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति भारत की वनडे टीम की सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। मध्यम तेज गति से गेंदबाजी करने वाले और बल्ले से मैच खत्म करने की क्षमता रखने वाले हार्दिक की जगह भरना आसान नहीं है। गंभीर की रणनीति इस सीरीज में बल्लेबाजी को नंबर आठ तक गहराई देने की है, जिसमें वाशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी रेड्डी जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया गया है।
बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने कहा कि हार्दिक जैसा खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए बड़ा नुकसान होता है, लेकिन सकारात्मक पक्ष यह है कि नितीश जैसे युवा को मौका मिल रहा है। हम उन्हें उसी भूमिका के लिए तैयार कर रहे हैं। टीम प्रबंधन नीतीश को एक ‘प्रोजेक्ट आलराउंडर’ के रूप में देख रहा है। लेकिन सवाल यही है कि क्या यह प्रयोग आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ काम करेगा?