CG – गुणवत्ताहीन मटेरियल से 34 लाख के शिक्षक आवास का नींव 10 साल पुराने भवन से निकाले गए छड़ व भुरभुरे पत्थर का उपयोग निर्माण को लेकर उठ रहें सवाल पढ़े पूरी ख़बर
0 तत्कालीन सरपंच ने कलेक्टर से शिकायत करने की ठानी
कोरबा//विकासखण्ड पाली के दूरस्थ पहाड़ी एवं वनांचल ग्राम जेमरा में 34 लाख की स्वीकृति से बनने वाले शिक्षक आवास भवन के नीव में बेहद गुणवत्ताहीन सामाग्री का उपयोग कर जमकर भ्रष्ट्राचार किया जा रहा है। जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने सवाल उठाया है और उनका कहना है कि जब लाखों के भवन निर्माण के शुरुआती नीव निर्माण में ही गुणवत्ता से समझौता होगा तो भला निर्मित होने वाले भवन की उम्र कितनी होगी? निर्माण को लेकर जेमरा के ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत कार्यालय भवन के बगल में वर्ष 2014- 15 में निर्माणाधीन राजीव गांधी सेवा केंद्र भवन को बिना पंचायत प्रस्ताव के तोड़कर उसके स्थान पर जिला खनिज न्यास मद से स्वीकृत 34 लाख के शिक्षक आवास भवन निर्माण की शुरुआत की गई है। कार्य आरईएस के देखरेख में कराया जा रहा है, जहां पुराने भवन से निकले जंग लगे 10 व 12 एमएम छड़ और क्रेशर 40 एमएम गिट्टी के स्थान पर समीप जंगल से एकत्रित किये गए भुरभुरे लाल पत्थर का उपयोग भवन नीव निर्माण के दौरान किया जा रहा है। वहीं सीमेंट भी घटिया स्तर का उपयोग में लाया जा रहा है। इस गांव के लोगों का कहना है कि यदि इस तरह से आवास भवन का निर्माण कार्य जारी रहा तो भवन की उम्र ज्यादा दिनों की नही लग रही है और इसके निर्माण के बाद कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। शिक्षक आवास भवन में डाली गई बीम पूरी तरह से टेढ़ी- मेढ़ी भी है, जिसे देखने से ही पता चल रहा है कि किस तरह भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि निर्माण से संबंधित अधिकारियों ने कमीशन की लालच में आंख मूंद ली है, कि उन्हें अमानक निर्माण भी मानक नजर आने लगी है। इससे साफ पता चलता है कि भवन निर्माण कराने वाले ठेकेदार से किस तरह मिलीभगत करके गुणवत्ताहीन भवन निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं जेमरा पंचायत के तत्कालीन सरपंच भंवर सिंह उइके ने भी भवन निर्माण में भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि शासन के प्राक्कलन के विपरीत निर्मित हो रहे भवन की मजबूती और उम्र को लेकर संदेह है। दूसरी ओर शासन के निर्देशानुसार किसी भी शासकीय निर्माण कार्य मे कार्य प्रारंभ कराने से पहले निर्माण एजेंसी का नाम, लागत, स्वीकृत राशि का सूचना बोर्ड लगाया जाना आवश्यक है, किन्तु यहां बिना किसी सूचना बोर्ड के ही कार्य प्रारंभ करा दिया है। उन्होंने घटिया निर्माण से संबंधित शिकायत कलेक्टर से जल्द ही करने की बात कही है।



