छत्तीसगढ़

CG – मस्तूरी के केवतरा भरारी पहुंच मार्ग की मरम्मत पर प्रश्नचिन्ह सरपंच व ग्रामीणों नें लगाया लीपा पोती का आरोप जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//मस्तूरी विधानसभा के कुछ गांव ऐसे थे जो लगातार रोड की समस्या से जूझ रहे थे लगातार चक्कजाम और अधिकारियों के ऑफिस का दरवाजा खटखटानें के बाद रोड रिपेयरिंग का कार्य शुरू हुआ जिसमें पहले धनगवां होते हुए भट्टचौरा तक रोड की मरम्मत कराई गई जिसमें गड्ढों पर गिट्टी डालकर कुछ डामर गिट्टी को चटा कर लीपा पोती कर दी गई जिस कारण अब रोड पहले से और भी बत्तर हो गई है और ग्रामीणों को धूल धक्कड़ का सामना करना पड़ रहा है यह उक्त बातें हम नहीं बल्कि ग्रामीण बोल रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि रोड की मरम्मत अगर ऐसी होती है तो रोड का मरम्मत ही नहीं होना था इससे अच्छे हालात में तो रोड तक थी जब इसकी मरम्मत नहीं हुई थी ऐसा ही हाल पचपेड़ी केवतरा होते हुए सुकुनकारी जलसों भरारी टांगर बोहारडीह पहुंच मार्ग की भी है जिसकी रिपेयरिंग दो-चार दिन पहले ही शुरू हुई है इस पर भी केवतरा गांव के सरपंच प्रताप सिंह पाटले और पूर्व सरपंच मंगल सिंह पाटले ने आरोप लगाया है की इनके द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जा रही है और रिपेयरिंग का कार्य गुणवत्ताहीन तरीके से किया जा रहा है इनका भी आरोप है कि रिपेयरिंग कार्य में घोर लापरवाही बरती जा रही है जिसकी खामियाजा ग्रामीणों को कुछ दिनों बाद फिर से भुगतना पड़ेगा और फिर से अफसरों के ऑफिसों के चक्कर लगाना पड़ेगा बार-बार ग्रामीणों को अपनी मांग के लिए भटकना पड़ेगा ग्रामीण चाहते हैं कि सरकारी पैसे का सही ढंग से इस्तेमाल हो और रोड की रिपेयरिंग में ही हो ताकि भविष्य में फिर से इसी रोड़ पर सरकार कों खर्च नहीं करना पड़े आखिर सरकार कब तक एक ही रोड पर बार-बार खर्च करती रहेगी और क्यों क्योंकि सरकार ने इस रोड के लिए फंड जारी कर दिए हैं पर काम ठीक तरह से हो रहा है नहीं हो रहा है इसकी पूरी जिम्मेदारी पी डब्लू डी के इन अधिकारियों की होगी जिनकी देख रेख में ये रोड़ रिपेयरिंग का कार्य चल रहा है यह जिम्मेदार चाहे तो ग्रामीण संतुष्ट हो सकते हैं और रोड की गुणवत्ता भी सुधारी जा सकती है पर यह जिम्मेदार चौकीदारों के भरोसे रोड़ रिपेयरिंग को छोड़कर गायब रहते है जिसका फायदा ठेकेदार उठाते है अब देखना होगा ग्रामीणों के आरोप और विरोध के बाद क्या ये जिम्मेदार अपनी गहरी नींद से उठकर इस ओर ध्यान देते हैं या यूं ही अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।

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