छत्तीसगढ़

CG – सांदीपनी एकेडमी में “ राखी और ब्रोच निर्माण गतिविधि”का आयोजन बच्चों नें बढ़ चढ़ कर लिया हिस्सा पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//सांदीपनी एकेडमी पेंड्री (मस्तूरी) बिलासपुर छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग के द्वारा रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति में प्रेम,समर्पण एवं रक्षा का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व को प्रशिक्षार्थियों के रचनात्मक विकास से जोड़ते हुए विद्यालय में राखी एवं ब्रोच निर्माण गतिविधि का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम के अवसर पर सांदीपनी एकेडमी के डायरेक्टर महेन्द्र चौबे प्रशासनिक अधिकारी विनीत चौबे सर,शिक्षा विभाग की प्राचार्य डॉ.रीता सिंह व आई क्यू ए सी कोऑर्डिनेटर रामखिलावन साहू, तथा सहायक प्राध्यापक संगीता साहू एवं अन्नपूर्णा जायसवाल के सक्रिय सहयोग एवं मार्गदर्शन में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ एवं अन्य के मार्गदर्शन पर व बी.एड. द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं के उपस्थिति पर कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न किया गया ।

1. प्रशिक्षार्थियों में रचनात्मकता और शिल्पकला के प्रति रुचि जागृत करना।

2. पारंपरिक पर्वों को नवाचार के साथ जोड़ना।

3. प्रशिक्षार्थियों को समूह कार्य, आत्मनिर्भरता और सौंदर्यबोध का अनुभव दिया गया।

4. पुनः उपयोग योग्य सामग्री के माध्यम से सजावटी वस्तुएँबनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य महोदय डॉ. रीता सिंह के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई। प्रतिभागियों को आवश्यक सामग्री जैसे रंगीन धागे, रिबन, दाने, बीड्स, बटन, गोंद, तथा सजावटी सामान की सूची पूर्व में प्रदान की गई थी। प्रशिक्षार्थियों ने विविध प्रकार की राखियाँ (पारंपरिक, बीज राखी, थ्रेड आर्ट आदि) और ब्रोच (स्वतंत्रता दिवस थीम, तिरंगा रंग आदि) बनाया गया।
कार्यक्रम के दौरान संस्था संचालक महेंद्र चौबे एवं सहायक शिक्षकगणों द्वारा प्रशिक्षार्थियों का उत्साहवर्धन करते रहे तथा आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया। पर्यावरणीय जागरूकता हेतु ‘बीज राखी’का भी निर्माण किया गया,जो रोपित की जा सकती है।
इस रचनात्मक आयोजन की सफलता में संस्था संचालक महेंद्र चौबे,प्रशासनिक अधिकारी विनीत चौबे सर,प्राचार्य डॉ.रीता सिंह, IQAC समन्वयक रामखिलावन साहू एवं सहायक अध्यापकगणों का विशेष सहयोग रहा। उनके द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन, संसाधन एवं समय के कारण यह गतिविधि सफल, अनुशासित एवं प्रेरणादायक रही। राखी और ब्रोच निर्माण” गतिविधि ने विद्यार्थियों को न केवल सृजनात्मक रूप से सशक्त किया बल्कि भारतीय संस्कृति,भाईचारे और आत्मनिर्भरता की भावना से भी जोड़ दिया। इस प्रकार की गतिविधियाँ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अत्यंत सहायक बना।

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