कृषि यंत्रीकरण पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन

बेमेतरा 18 अक्टूबर 2025:-* कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से विभाग फार्म मशीनरी एवं पावर इंजीनियरिंग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा अनुसूचित जाति उप योजना, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (प्रक्षेत्र उपकरण और मशीनरी) के अंतर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, बेमेतरा में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राजेश कुमार नायक, विभागाध्यक्ष, फार्म मशीनरी एवं पावर इंजीनियरिंग इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी के पूजन एवं अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ। कृषि विज्ञान केंद्र, बेमेतरा की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कृषि कार्यों को समय पर पूरा करने तथा उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि यंत्रों का उपयोग अत्यंत आवश्यक है। प्रशिक्षण सत्र में तकनीकी मार्गदर्शन
मुख्य अतिथि डॉ. राजेश कुमार नायक ने खेत की तैयारी एवं बोवाई के लिए आवश्यक कृषि यंत्रों की जानकारी पॉवर प्वॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से दी। उन्होंने रोटावेटर, रीजर, कल्टीवेटर, रिपर, डोजर, लोडर, मूवर, धान रोपाई यंत्र, रोटरी टिलर, मोटर चालित दुध दुहने की मशीन, कंबाइंड हार्वेस्टर, हैपी सीडर, सुपर सीडर, अंबिका वीडर जैसे आधुनिक उपकरणों के उपयोग एवं उनकी उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. उमेश ध्रुव ने कहा कि “हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में कृषि यंत्रीकरण का उपयोग सर्वाधिक है, जबकि छत्तीसगढ़ में अब यह 48 प्रतिशत तक पहुँच चुका है। छोटे किसानों के लिए कतार बोनी यंत्र, धान थ्रेसर, बीज बुवाई यंत्र, अंबिका पैडी वीडर जैसे यंत्र अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
ईजी. प्रवीण वर्मा ने कृषि उपकरणों पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी दी, वहीं डॉ. संदीप भंडारकर ने कहा कि मजदूरों की कमी के इस समय में कृषि कार्यों को मशीनीकृत कर उत्पादन और आय दोनों में वृद्धि संभव है।
- कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं समापनप्रशिक्षण के दौरान कृषकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन किया गया तथा वैज्ञानिकों के साथ संवाद सत्र आयोजित हुआ, जिसमें कृषकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समापन के पश्चात कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र की प्रदर्शन इकाइयों का भ्रमण कराया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, बेमेतरा के वैज्ञानिकगण, अधिकारीगण एवं जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों से आए 50 से अधिक कृषक उपस्थित रहे।